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PATNA. बिहार की नीतीश सरकार में SC-ST कल्याण मंत्री और जीतन राम मांझी के बेटे डॉ. संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद सियासी बयानबाजी तेज है। अब सामने आया है कि डॉ. संतोष सुमन ने खुद से इस्तीफा नहीं दिया था। उनसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा लिया था। इस बात की पुष्टि तब हो गई, जब सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि वे विपक्षी एकता की बैठक में रहते तो मुखबिरी करते, यहां की रणनीति बीजेपी को जाकर बता देते।
अच्छा हुआ कि वे हमारे पास से चले गए: नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सभी जानते थे कि वह बीजेपी के लोगों से मिल रहे हैं और फिर हमारे पास भी आते थे। जब मैंने उनसे (जीतन राम मांझी और संतोष कुमार सुमन) से कहा कि या तो अपनी पार्टी को हमारे साथ विलय करें या अलग करें, तो उन्होंने महागठबंधन से ही अलग होने का फैसला किया। नीतीश कुमार ने आगे कहा कि अभी विपक्षी दलों की बैठक होनी है और अगर वो भी इस मीटिंग में बैठते तो मीटिंग के अंदर की बातें बीजेपी को बता देते। इसीलिए अच्छा हुआ कि वे हमारे पास से चले गए।
विपक्षी नेताओं को रास नहीं आया मांझी का बयान
मांझी के इस्तीफे को लेकर सामने आया कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक जीतन राम मांझी महागठबंधन के खिलाफ लगातार बयान दे रहे थे। जो विपक्षी दल के नेताओं को पसंद नहीं आ रहा था। नेताओं का कहना था कि मांझी विपक्षी एकता की बैठक से पहले सीट बंटवारे की बात क्यों कर रहे हैं?, महागठबंधन के नेताओं को यह रास नहीं आ रहा था कि मांझी अपने इलाके के विकास के लिए बीजेपी नेता और गृह मंत्री अमित शाह से क्यों मिलने गए थे? इस बीच जीतन राम मांझी की निगरानी कर रही जदयू को जब पता चला कि कि महागठबंधन और विपक्षी एकता की होने वाली हर खबर बीजेपी आलाकमान के पास जा रही है। और मांझी बड़े खेल में शामिल हैं तो जदयू में हड़कंप मच गया। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संतोष सुमन मांझी का इस्तीफा लेना ही बेहतर समझा। अब संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद सीएम नीतीश कुमार ने रत्नेश सदा को कैबिनेट में जगह दी है।
जानें संतोष सुमन के इस्तीफे की वजह
सूत्रों की माने तो मांझी के 5 सीटों की मांग से महागठबंधन असमंजस में था। ऐसे में विपक्षी एकता की बैठक से पहले जीतन राम मांझी के यह बोल महागठबंधन के नेताओं को ज्यादा रास नहीं आ रहे थे। सीएम नीतीश इन दिनों विपक्षी एकता को साधने की तैयारी में लगे हैं। वे 17-18 पार्टियों को एक मंच पर लाकर 2024 में बीजेपी के सामने चुनौती खड़ा करना चाहते हैं। ऐसे में मांझी का यह बयान नीतीश कुमार को रास नहीं आया। उन्होंने आपत्ति जताई और कहा कि वह अपनी पार्टी का विलय जदयू में कर दें। इसके लिए मांझी राजी नहीं हुए।
संतोष सुमन बोले- मोदी जैसा कोई नहीं
इधर, हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने NDA में शामिल होने के लिए राह पकड़ी है। जीतन राम मांझी अपने बेटे पूर्व मंत्री डॉ. संतोष सुमन के साथ 19 जून को दिल्ली जाने वाले हैं। वहां भाजपा के टॉप लीडरशिप से मुलाकात करेंगे। इसी बीच संतोष सुमन ने कहा कि मोदी जैसा कोई नहीं। इस दौरान उन्होने महागठबंधन पर निशाना साधा।