सीएम के आदेश से इंदौर के चंपू, नीलेश, मद्दा जैसे भूमाफिया में खलबली, आदतन अपराधियों की जमानत निरस्ती का लगेगा आवेदन

author-image
BP Shrivastava
एडिट
New Update
सीएम के आदेश से इंदौर के चंपू, नीलेश, मद्दा जैसे भूमाफिया में खलबली, आदतन अपराधियों की जमानत निरस्ती का लगेगा आवेदन

संजय गुप्ता, INDORE. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पद संभालते ही पहली कैबिनेट में लिए गए एक फैसले से इंदौर के भूमाफिया के होश उड़ गए हैं। चंपू अजमेरा, नीलेश अजमेरा, दीपक मद्दा जैसे आदतन अपराधियों के लिए जमानत पर बने रहना अब आसान नहीं होगा और पुलिस, प्रशासन के पास भी इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करना इतना आसान नहीं होने जा रहा है।

क्या दिया है सीएम ने आदेश

सीएम ने आदेश दिए है कि जो भी आदतन अपराधी है और जो जमानत पर है, उनके द्वारा अपराध किए जाने पर, जमानत निरस्ती का 439 (2) के तहत आवेदन पुलिस द्वारा सक्षम कोर्ट में पेश किया जाए और जमानत निरस्त कराई जाए। साथ ही कोर्ट में डायरी पेश करते समय उसके द्वारा किए गए पुराने सभी अपराधों का थानावार विस्तृत विवरण भी साथ में सलंग्न किया जाए। साथ ही जमानत होने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किए मानकों के अनुसार शर्तों को भी डलवाया जाए, जिसमें गवाहों को नहीं धमकाना, जांच में सहयोग आदि शामिल हो।

Latter 1.jpeg

latter 2.jpeg

latter 3.jpeg


Latter 4.jpeg

सीएम के आदेश के बाद गृह विभाग ने जारी कर दिए निर्देश

सीएम के आदेश के बाद गृह विभाग अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने इस संबंध में चार पन्नों का विस्तृत आदेश पुलिस महानिदेशक के साथ ही संचालक लोक अभियोजन मप्र भोपाल को जारी कर दिए हैं और सीएम के आदेश के परिपालन को सुनिश्चित कराने के लिए कहा है।

अपराध करके जमानत पर खुले में घूम रहे अपराधी

इंदौर में कई अपराधी हैं, जो एक के बाद एक उसी तरह के अपराध किए जा रहे हैं और जमानत लेकर खुले में घूम रहे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण तो चंपू अजमेरा है, जिसे उनके साथियों के साथ सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह पीड़ितों का निराकरण करेगा, लेकिन दो साल से वह जमानत के मजे ले रहा है। कलेक्टर इंदौर के आदेश पर बाणगंगा थाने में चंपू के बेटे आर्जव के खिलाफ केस दर्ज हुआ लेकिन आज तक उसकी गिरफ्तारी तक नहीं हुई।

कोर्ट ने याचिका खारिज की

उधर, कोर्ट ने केस खारिज करने संबंधी उसकी याचिका खारिज कर दी थी। पुलिस ने इसके बाद भी उस पर अभी तक हाथ ही नहीं डाला। इसी तरह भूमाफिया दीपक मद्दा भी अधिकांश केस में जमानत ले चुका है वह केवल ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग केस में अंदर है, जबकि उस पर भी आधा दर्जन केस हैं। भूमाफिया बॉबी छाबड़ा भी इसी तरह बाहर है, भूमाफिया आशीष दास भी जमानत के बाद से गायब है।

पुलिस की रिपोर्ट में ही है इनके अपराध, लूट और डकैती जैसे

भूमाफियाओं को लेकर पुलिस की ही एक रिपोर्ट है जिसमें चंपू जैसे भूमाफियाओं के अपराध को पुलिस ने लूट, डकैती जैसे अपराध की तरह माना है और जमानत निरस्त करने की अनुशंसा की हुई है। लेकिन इन सबके बाद भी यह अपराधी खुले में घूम रहे हैं।

अपराधियों के लिए अब जमानत पर बने रहना आसान नहीं होगा

अधिवक्ता गौरव वर्मा बताते हैं कि सीएम और शासन के इस आदेश के बाद अपराधियों के लिए फिर से अपराध कर जमानत पर बने रहना आसान नहीं होने वाला। जब पुलिस कोर्ट में यह बताएगी कि उसके पुराने और कितने रिकार्ड है तो कोर्ट के संज्ञान में यह मामला आने पर जमानत आसान नहीं होगी और जो जमानत पर है यदि वह फिर अपराध करता है तो जमानत निरस्ती में आसानी होगी।

CM Mohan Yadav Indore News सीएम मोहन यादव Madhya Pradesh News मध्यप्रदेश न्यूज इंदौर समाचार Indore's land mafia cabinet decision land mafia इंदौर के भूमाफिया कैबिनेट फैसला भूमाफिया