सीताराम रघुवंशी, Guna. मध्य प्रदेश शासन द्वारा करोड़ों खर्च करने के बाद भी इस बार कक्षा बारहवीं का रिजल्ट अच्छा नहीं रहा, इस बार मध्यप्रदेश में 55 प्रतिशत तो दूसरी तरफ गुना में इस वर्ष 39.78 प्रतिशत रहा। ऐसे में प्रदेश सरकार की शिक्षा नीति पर सवाल उठने लाजमी हैं। आखिर शासन के द्वारा करोड़ों खर्च करने के बाद गरीब बच्चों जिनके पास प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने के लिए फीस नहीं है उनके लिए प्राइवेट स्कूल के जैसी पढ़ाई और सुविधाओं के साथ सीएम राइस स्कूलों को खोला था लेकिन इसके बाद भी पहले की अपेक्षा इनके रिजल्ट में गिरावट क्यों आई यह सबसे बड़ा सवाल है।
5 ब्लॉक में खुले 6 सीएम राइज
गुना जिले में 5 ब्लॉक हैं और पांच ब्लॉकों में 6 सीएम राज स्कूल खोले गए हैं । इनमें 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले कुल 10793 छात्र छात्राओं ने परीक्षा दी। जिनमें से केवल 5173 बच्चे ही पास हुए यानी की 39.78 प्रतिशत जो कि पिछली साल की अपेक्षा 15.18 कम रहा। जबकि सीएम राइस स्कूल होने के बाद परीक्षा परिणाम पिछली साल की अपेक्षा अच्छा होना था लेकिन अच्छा होने की जगह रिजल्ट इस साल और भी खराब रहा । परीक्षा परिणाम कम रहने पर जिला शिक्षा अधिकारी ने बॉटम पांच हाई स्कूल और बॉटम पांच हायर सेकेंडरी स्कूलों पर विभागीय जांच के आदेश जारी किए हैं ।
नोटिस भी हुए जारी
इसके अलावा जिला शिक्षा अधिकारी ने 16 उच्च माध्यमिक शिक्षकों, 9 माध्यमिक शिक्षकों, 5 प्राथमिक शिक्षकों को भी रिजल्ट को लेकर नोटिस जारी किए हैं। । इस मामले में जब नोटिस मिले शिक्षक से बात की तो उनका कहना है बच्चों को बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है, कुल 3 कमरों में स्कूल चला रहे हैं और शिक्षकों की भी कमी है इसलिए रिजल्ट में गिरावट आई है।
सीएम राइज स्कूलों के भवन हो रहे तैयार
बता दें कि प्रदेश के अधिकांश सीएम राइज स्कूलों के लिए अभी भवन तैयार कराए जा रहे हैं। जिस कारण ये अभी पुराने भवनों में संचालित हैं। बाकी के स्कूलों के हालात जस के तस हैं, जहां शिक्षकों की कमी, मूलभूत सुविधाओं के अभाव की बात आम है। शिक्षा विभाग दावा करता है कि सीएम राइज स्कूलों के भवन जल्द बनकर तैयार हो जाएंगे, जिसके बाद हर सीएम राइज स्कूल और उसके आसपास के स्कूलों की शिक्षा में काफी प्रभाव पड़ेगा।