सीएम मोहन बोले- इंदौर से शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट, बदलेगा एमपी का नक्शा, जिलों और संभागों की सीमाएं दोबारा से तय होंगी

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BP Shrivastava
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सीएम मोहन बोले- इंदौर से शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट, बदलेगा एमपी का नक्शा, जिलों और संभागों की सीमाएं दोबारा से तय होंगी

BHOPAL/INDORE. सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में जरूरत के मुताबिक संभागों और जिलों की सीमाओं का पुर्ननिर्धारण किया जाएगा। इसके लिए एक कमेटी बनेगी, जो इसका सभी एंगल से अध्ययन कर सरकार को रिपोर्ट देगी। सीएम ने कहा कि इसकी शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इंदौर संभाग से करेंगे।

इसके अलावा सीएम ने थानों की सीमाओं का पुर्ननिर्धारण भी जल्द करने को कहा है। सीएम ने सोमवार को खरगोन में इंदौर संभाग की समीक्षा बैठक ली, जिसमें प्रशासनिक दृष्टि से जनता की सुविधाओं के हिसाब से संभाग, जिलों की सीमाएं तय करने की बात कही।

अभी क्या परेशानी: अभी मुख्यालय से दूरी 100 किमी तक

  • वर्तमान में हालात यह हैं कि लोगों को अपने क्षेत्र से संबंधित थाने, तहसील, जिलों और संभागीय कार्यालयों से जुड़े कामों के लिए लम्बी परिक्रमा करनी पड़ती है। जिसकी वजह से कामों का निपटारा समय से नहीं हो पाता है, साथ ही समस्याएं बढ़ती बढ़ती ही जाती हैं। यहां कुछ मामलों से इन विसंगतियों को समझने का प्रयास करते हैं -
  • इंदौर संभाग के बड़वानी जिले की सीमा बड़वानी शहर से 4 किमी दूर खत्म हो जाती है। इस सीमा से धार जिले की कुक्षी और निसरपुर तहसील लगी हैं। जिला मुख्यालय 100 किमी से ज्यादा दूर है। कुक्षी और निसरपुर तहसील को बड़वानी में शामिल कर दें तो दोनों की दूरी 10 से 12 किमी रह जाएगी।
  • इसी तरह से मंडीदीप की सीमा भोपाल से 10 किमी दूर है और मंडीदीप का जिला मुख्यालय रायसेन है। इसके लिए मंडीदीप के लोगों को भोपाल होते हुए रायसेन पहुंचना पड़ता है। यानी लोगों को70 किमी दूरी तय करनी पड़ती है।
  • मालनपुर भिंड जिले में है और ग्वालियर जिले से 16 किमी दूर है। पीथमपुर इंदौर से सटा है, पर जिला मुख्यालय धार 70 किमी है।
  • बसई तहसील दतिया में आती है। बसई से दतिया जाने के लिए 90 से 100 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है और जाने के लिए झांसी (यूपी) होकर जाना होता है, जबकि बसई की सीमाएं निवाड़ी जिले से लगी हैं।
  • कोलार थाने की सीमाएं 45 किमी तक फैली: मप्र में कोलार सबसे बड़ा थाना है जिसकी सीमाएं 45 वर्ग किलोमीटर में फैली हैं, इस थाने की सीमाएं रायसेन जिले के मंडीदीप थाने से लगी हैं। कोलार थाने के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र मंडीदीप और चूनाभट्टी थाने में शामिल किया जा सकते हैं। हालांकि कोलार थाने का क्षेत्र बड़ा होने से इसमें से कजलीखेड़ा नया थाना बनाया जाना प्रस्तावित है।

संभागों की सीमाओं में भी हो सकता है फेरबदल

नर्मदापुरम संभाग में सिर्फ तीन जिले हैं। इससे नरसिंहपुर जिले की सीमाएं लगी हुई हैं, अभी नरसिंहपुर का संभागीय मुख्यालय जबलपुर है। नर्मदापुरम संभाग में नरसिंहपुर जिला शामिल किया जा सकता है। अभी जबलपुर संभाग में 8 जिले हैं। इसी तरह शहडोल जिले में तीन जिले हैं। डिंडोरी जिला शहडोल से लगा हुआ है। इसे जबलपुर संभाग से अलग कर शहडोल में मिलाया जा सकता है।


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