अशोक वाइकर, BETUL. बैतूल जिले की पांच विधानसभा सीटों में से एक एक मात्र आमला सीट सत्ताधारी दल BJP के पास है, लेकिन इस चुनाव में आमला सीट पर बीजेपी के लिए जीत की राह आसान नहीं दिखाई दे रही है। ऐसे में इस सीट पर वापस जीत के लिए बीजेपी एक ऐसा मास्टर स्ट्रोक खेलने जा रही है, जिससे कांग्रेस सहित अन्य विपक्ष दलों के झटका लग सकता हैं। कांग्रेस जिस सारणी पाथाखेड़ा क्षेत्र को उजड़ता हुआ बताकर इसे चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाए जाने की रणनीति बना रही थी। लेकिन इस मुद्दे को भुनाने पर विपक्ष सफल हो पाता इससे पहले ही आमला विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे ने मास्टर स्ट्रोक खेल दिया। डॉ. योगेश पंडाग्रे ने विधानसभा क्षेत्र को विकास कार्यों की योजना बनाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सारणी आने का बुला लिया। जिससे विपक्षी दलों की सरकार को घेरने की रणनीति कमजोर पड़ सकती है।
24 अगस्त सारणी में सुपर क्रिटिकल बिजली इकाई का भूमिपूजन करेंगे CM शिवराज
बता दे कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 24 अगस्त को सारणी आएंगे। सीएम शिवराज यहां प्रस्तावित सुपर क्रिटिकल बिजली यूनिट की आधारशिला रखेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चरणपादुका योजना अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुका, साड़ी, पानी की बोतल का वितरण करेंगे। इसके साथ ही सारनी क्षेत्र की लंबे समय से चली जा रही सुपर क्रिटिकल यूनिट स्थापना की मांग पूरी करेंगे। राजनीतिक समीक्षकों की माने तो चुनाव के ऐन पहले मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम को चुनाव में बीजेपी को मिलने वाले बड़े फायदे की नजर से देख रहे हैं।
सरकार के प्रति जनता में बढ़ रहा था विरोध
सारणी और पाथाखेड़ा क्षेत्र में कोयला खदानों के बंद हो जाने के साथ ही यहां पर पावर हाउस को ठेके पर दिए जाने जैसे मुद्दों पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी बीजेपी और विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे पर हमलावर रही है। दोनों ही पार्टी उजड़ती सारणी के मुद्दे को लेकर बीजेपी को समय- समय पर घेरते रही हैं। मुख्यमंत्री का 24 अगस्त को यहां सुपर क्रिटिकल यूनिट का भूमिपूजन कर आमला विधानसभा के लिए यह एक बड़ी सौगात होगी, साथ ही क्षेत्र की जनता को यह भी बताया जाएगा कि किसी भी कीमत पर सारणी पाथाखेड़ा क्षेत्र को उजड़ने नहीं दिया जाएगा। बीजेपी के एक ही तीर ने कांग्रेस और आप नेताओं को चारों खाने चित्त कर दिया। अब चुनाव के पहले ही सीएम शिवराज को सारणी बुलवाकर विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे ने अपना लोहा तो मनवा ही लिया है। साथ ही अब कांग्रेस और आप को सोचने पर मजबूर भी कर दिया है।
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एक बार फिर बदलेगी सारणी की तस्वीर
राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि, उजड़ती सारणी का मुद्दा निश्चित रूप से विपक्ष के पास एक ऐसा मुद्दा था, जो आमला सारणी विधानसभा क्षेत्र की राजनीति का रुख किसी भी तरफ मोड़ सकता था, लेकिन बीजेपी के इस मास्टर स्ट्रोक ने राजनीति की हवा एक बार फिर सत्ताधारी दल की तरफ मोड़ दी है। इससे उजड़ती सारणी का कांग्रेस और आप द्वारा लंबे समय से किया जा रहा विरोध खुद ही समाप्त हो जाएगा, क्योंकि सुपर क्रिटिकल यूनिट स्थापित होने के बाद इस क्षेत्र की तस्वीर एक बार फिर बदलनी शुरू होगी। साथ ही क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
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बैतूल की आमला सीट ही बीजेपी के पास, बाकि 4 सीटों पर कांग्रेस के MLA
बैतूल जिले की पांच विधानसभा सीटों में से केवल आमला विधानसभा एक मात्र ऐसी विधानसभा सीट है, जिस पर पिछले 15 सालों से बीजेपी का कब्जा है। यह सीट बीजेपी का गढ़ जानी जाती है। साल 2003 में आमला सीट पर कांग्रेस की सुनिता बेले ने जीत दर्ज की थी, इसके बाद 2008 और 2013 में यहां से बीजेपी से चैतराम मानेकर जीतकर आए। 2018 में बीजेपी ने चैतराम मानेकर की टिकट काटते हुए डॉ. योगेश पंडाग्रे को मैदान में उतरा था। इस चुनाव में बैतूल जिले की मुलताई, भैंसदेही, घोड़ाडोंगरी और बैतूल सीट से कांग्रेस को जीत मिली थी, और आमला सीट से BJP के डॉ. योगेश पंडाग्रे ने जीत मिली थी।