राजस्थान में गरीबों की थाली में अब मोटा अनाज भी जुड़ा, भाजपा सरकार ने नाम बदल कर योजना को श्री अन्न से जोड़ा

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Chakresh
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राजस्थान में गरीबों की थाली में अब मोटा अनाज भी जुड़ा, भाजपा सरकार ने नाम बदल कर योजना को श्री अन्न से जोड़ा

मनीष गोधा @ JAIPUR

राजस्थान में पिछली सरकार की इंदिरा रसोई योजना ( Indira Rasoi Yojana ) का नाम बदलकर अब श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना कर दिया गया है। प्रदेश की भाजपा सरकार ने इस योजना को केंद्र सरकार की मोटे अनाज को प्रोत्साहन देने की श्री अन्न योजना के साथ जोड़ दिया है। यानी राजस्थान में गरीबों की थाली में अब बाजारा और मक्का जैसे मोटे अनाज भी जोड़ दिए गए हैं। हालांकि कांग्रेस की ओर से योजना का नाम बदले जाने को लेकर विरोध किया जा रहा है। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने तो इसे अपराध तक बता दिया है।

नए कलेवर के साथ आई योजना

राजस्थान में हर 5 साल में सरकार बदलती है। इसी के साथ पिछली सरकार की योजनाओं के नाम बदले जाने और उनके फॉर्मेट में बदलाव किए जाने के परंपरा बनी हुई है। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है मौजूदा भाजपा सरकार एक- एक कर पिछली सरकार के निर्णय और योजनाओं में बदलाव कर रही है। इस कड़ी में पहला बड़ा बदलाव पिछली सरकार की फ्लैगशिप योजना इंदिरा रसोई योजना में किया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ( CM BHAJANLAL SHARMA) ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आगमन के मौके पर उनके समक्ष ही इस योजना का नाम बदलकर श्री अन्नपूर्णा योजना करने की घोषणा कर दी थी।

इसके साथ ही अब इस योजना में सरकार ने कुछ बदलाव और किए हैं। कांग्रेस सरकार के समय इंदिरा रसोई योजना में लोगों को साढ़े चार सौ कैलोरी भोजन दिया जाता था। इसे मौजूदा सरकार ने बढ़कर 600 कैलोरी कर दिया है। मौजूदा सरकार ने इस योजना को केंद्र सरकार की मोटे अनाज को प्रोत्साहन देने की योजना के साथ जोड़ते हुए इस योजना में दिए जाने वाले भोजन में मोटे अनाज की खिचड़ी या रोटी को भी जोड़ा है। राजस्थान में मोटे अनाज जैसे बाजरा, मक्का आदि प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। पिछली सरकार के समय इस योजना में दी रही थाली में दाल, चपाती, हरी सब्जी और चावल दिया जा रहा था। अब इनके साथ मोटे अनाज का कोई एक अन्य व्यंजन और दिया जाएगा।

लागत बढ़ी, सरकार ने अनुदान बढ़ाया

इसके साथ ही सरकार ने हर थाली पर सरकार की ओर से दिया जाने वाला अनुदान भी 5 रुपए बढ़ा दिया है। पिछली सरकार के समय हर थाली की लागत 25 रुपए तय थी। इसमें 8 रुपए जनता से लिए जाते थे और 17 रुपए का अनुदान सरकार देती थी। अब कैलोरी बढ़ाने के साथ ही थाली की लागत 30 रुपए हो गई है। जनता से अभी भी 8 रुपए ही लिए जाएंगे बढ़े हुए 5 रुपए खुद सरकार बहन करेगी, यानी अब सरकार की ओर से 17 की जगह 22 रुपए का अनुदान दिया जाएगा।

रसोइयों की संख्या की समीक्षा होगी

हालांकि इसके साथ ही सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को उनके यहां चल रही और रसोइयों की संख्या की समीक्षा करने को कहा है। अभी पूरे प्रदेश में 1000 रसोइयां संचालित हैं। सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों से कहा है कि वह जनता की आवश्यकता को देखते हुए रसोइयों की संख्या की समीक्षा करें। जहां जरूरत ना हो वहां रसोइयां बंद की जाएं और जहां जरूरत हो वहां खोली जाएं।

नाम बदलने पर कांग्रेस का विरोध

योजना का नाम बदले जाने पर कांग्रेस की तरफ से विरोध सामने आया है। कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि सरकार ने काम शुरू होने से पहले ही बड़ा अपराध किया है। हमारी सरकार ने देश के लिए अपना बलिदान देने वाली भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर यह योजना चला रखी थी। सरकार ने योजना का नाम बदलकर न सिर्फ इंदिरा गांधी का अपमान किया है बल्कि अपराध भी किया है।

कांग्रेस ने भी बदला था नाम

गरीब और जरूरतमंद लोगों को ₹5 में नाश्ता और ₹8 में भोजन देने की यह योजना मूल रूप से राजस्थान में वसुंधरा राजे सरकार ने शुरू की थी। उसे समय इस योजना का नाम अन्नपूर्णा रसोई योजना था। इसके तहत प्रदेश भर में चिह्नित स्थानों पर मोबाइल वैन के जरिए लोगों को ₹5 में नाश्ता और ₹8 में भोजन उपलब्ध कराया जाता था। 2018 में कांग्रेस की सरकार आई तो उसने योजना का नाम बदलकर इंदिरा रसोई योजना कर दिया और मोबाइल वैन की जगह स्थाई रसोइयां बना दीं।

Q & A

Q: राजस्थान में इंदिरा रसोई योजना का नाम बदलकर श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना कर दिया गया है। क्या यह बदलाव आवश्यक था?

A: यह एक राजनीतिक फैसला है। कांग्रेस सरकार ने इस योजना का नाम इंदिरा रसोई योजना रखा था, क्योंकि यह योजना इंदिरा गांधी की याद में शुरू की गई थी। भाजपा सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना कर दिया है। चारधारा को दर्शाता है। यह एक राजनीतिक फैसला है।


Q: राजस्थान में गरीबों की थाली में अब मोटा अनाज भी जुड़ गया है। क्या यह एक अच्छा बदलाव है?

A: यह एक अच्छा बदलाव है, क्योंकि मोटे अनाज पौष्टिक होते हैं और इनमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और विटामिन होते हैं। ये गरीबों के लिए एक स्वस्थ और पौष्टिक भोजन विकल्प प्रदान करते हैं।


Q: राजस्थान सरकार ने रसोइयों की संख्या की समीक्षा करने का फैसला किया है। क्या यह एक अच्छा बदलाव है?

A: हां, यह एक अच्छा बदलाव है क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि योजना का लाभ उन लोगों तक पहुंच रहा है जो वास्तव में इसकी आवश्यकता रखते हैं।


Q: क्या श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना गरीबों के लिए फायदेमंद होगी?

A: हां, श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना गरीबों के लिए फायदेमंद होगी, क्योंकि इसमें मोटे अनाज को शामिल किया गया है, कैलोरी की मात्रा बढ़ाई गई है और रसोइयों की संख्या की समीक्षा की जा रही है।


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