Gwalior. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर धाम) का कलचुरी समाज के आराध्य भगवान सहस्त्रबाहु पर टिप्पणी करने पर विरोध प्रारंभ हो गया है। हालांकि धीरेंद्र शास्त्री ने ट्वीट करके मामले में क्षमा मांग ली है, बावजूद इसके ग्वालियर जिला सत्र न्यायालय में उनके खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। मामले में अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी।
अत्याचारी, बलात्कारी और दुष्ट बताने का आरोप
अधिवक्ता अनूप शिवहरे द्वारा दायर परिवार में आरोप लगाया गया है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री का सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया गया है। वीडियो में धीरेंद्र शास्त्री कलचुरी समाज के आराध्य भगवान सहस्त्रबाहु को अत्याचारी, बलात्कारी और दुष्ट बता रहे हैं। इससे कलचुरी समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। इस मामले में 09 मई को एक नोटिस भी भेजा गया था, लेकिन नोटिस का जवाब न आने पर जिला न्यायालय में परिवाद पेश किया गया है।
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धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- भावनाएं आहत हुई तो क्षमा
कलचुरी समाज के आराध्य भगवान सहस्त्रबाहु के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला तूल पकड़ने पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने ऑफिसियल ट्विटर हेंडल से 28 अप्रैल को पोस्ट करके क्षमा मांगी थी। उन्होंने कहा कि ‘‘विगत कुछ दिनों से एक विषय संज्ञान में आया है। एक चर्चा के मध्य में मेरे द्वारा भगवान परशुराम जी एवं महाराज सहस्त्रबाहू अर्जुन जी के मध्य हुए युद्ध के विषय में जो भी कहा गया है वह हमारे पवित्र हिन्दू शास्त्रों में वर्णित आधार पर कहा गया है। हमारा उद्देश्य किसी भी समाज अथवा वर्ग की भावनाओं को आहत करने का नहीं था न ही कभी होगा, क्योंकि हम तो सदैव सनातन की एकता के पक्षधर रहे हैं। फिर भी यदि हमारे किसी शब्द से किसी की भावना आहत हुई हो तो इसका हमें खेद है।’’
क्या कहते हैं शास्त्र
शास्त्रों के मुताबिक कल्चुरी नरेश सहस्त्रार्जुन काफी पराक्रमी राजा था, एक बार उसने रावण तक को युद्ध में परास्त कर बंदी बना लिया था। भगवान परशुराम के पिता ऋषि जमदाग्नि उसे राज्य के वन में पर्णकुटि बनाकर तपस्या में लीन थे। सहस्त्रार्जुन ने ऋषि जमदाग्नि को उसके राज्य से जाने के लिए कह दिया था, लेकिन जमदाग्नि ऐसा करने पर राजी न हुए, जिस पर सहस्त्रार्जुन ने उनकी हत्या कर दी थी। यह बात जब तपस्या में लीन भगवान परशुराम को पता चली तो वे अत्यंत क्रोधित हुए और सहस्त्रार्जुन समेत अनेक क्षत्रियों की हत्या कर दी थी।