मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में राज्य कर्मचारियों के लिए पेंशन स्कीम को लेकर असमंजस की स्थिति बनती दिख रही है। राज्य की कृषि विभाग की ओर से सहायक कृषि अनुसंधान अधिकारियों की नियुक्ति के आदेश में नई पेंशन स्कीम लागू करने का उल्लेख किया गया था, लेकिन बाद में इसे विलोपित कर दिया गया। उधर कर्मचारी संगठन इससे नई पेंशन स्कीम लागू करने के संकेत के रूप में देख रह हैं। उनका कहना है कि विलोपित करने से कुछ नहीं होता सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू रखेगी या नहीं।
कर्मचारियों के लिए पेंशन स्कीम को लेकर असमंजस
दरअसल राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से सहायक कृषि अनुसंधान अधिकारी के पद पर चयनित 25 अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई। इसमें नियुक्तियां की शर्तों में नई अंशुदायी पेंशन योजना लागू होने का जिक्र किया गया था। नियुक्ति पत्र में दी गई शर्तों में कहा गया था कि इन कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन योजना वित्त विभाग के परिपत्र 29 जनवरी 2004 और 13 मार्च 2006 के अनुसार लागू होगी। बाद में कृषि विभाग की ओर से ही एक और आदेश जारी किया गया, जिसमें नियुक्ति की शर्तों में क्रम संख्या 2 पर अनुच्छेद योजना लागू करने के बिंदु को विलोपित करने की बात थी। यानी अंशदयी पेंशन योजना लागू करने की शर्त को विभाग ने विलोपित कर दिया। लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि आखिर इन अधिकारियों पर कौन सी पेंशन योजना लागू होगी। ऐसे में कर्मचारी यही मन कर चल रहे हैं कि सरकार अब नई पेंशन योजना लागू करने की तैयारी कर रही है।
सरकार की बिंदु संख्या दो विलोपित किया
राजस्थान पंचायत राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता नारायण सिंह का कहना है कि सरकार का बिंदु संख्या दो विलोपित करना कोई विशेष बात नहीं है राजस्थान सरकार स्पष्ट करें राज्य में ओ पी एस ही लागू रहेगी अन्यथा राजस्थान का कर्मचारी एवं शिक्षक सड़कों पर उतरेगा। उन्होंने कहा कि एक तरफ बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने शिक्षक संघ के कार्यक्रम में ऑप्स जारी रखने के संकेत दिए थे। वहीं अब सरकार इस तरह के आदेश जारी कर असमंजस की स्थिति पैदा कर रही है।
सरकार करेगी कर्मचारियों पर कौन सी पेंशन योजना लागू?
राजस्थान में राज्य कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम पिछली सरकार ने 2 वर्ष पहले लागू कर दी थी। तभी से यह एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को पूरी तरह लागू करने के लिए नई पेंशन स्कीम के फंड में राजस्थान के राज्य कर्मचारियों का जमा पैसा वापस मांगने का प्रयास भी किया था, लेकिन केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार की ये मांग खारिज कर दी थी। इस पर राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोर्ट तक जाने की बात कही थी। हालांकि इस पर आगे कुछ किया नहीं गया। मौजूदा स्थिति यह है कि राजस्थान में कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम ही लागू है। सरकार के गठन के बाद सहायक कृषि अनुसंधान अधिकारियों का यह पहली नियुक्ति आदेश जारी हुआ था। अब देखना होगा कि नई सरकार की ओर से जो भी नई नियुक्तियां आगे दी जाएंगी उनमें सरकार संबंधित कर्मचारियों पर कौन सी पेंशन योजना लागू करेगी।
राठौड़ ने कहा था कांग्रेस भ्रांति फैला रही है
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह शिक्षक संघ के एक कार्यक्रम में राजस्थान में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा था की ओल्ड पेंशन स्कीम बंद करने को लेकर भाजपा के नेताओं ने कोई बयान नहीं दिया है और इसे लेकर कांग्रेस ने भ्रांति फैलाई है।
अमित शाह ने कहा था समिति बनाई है
ओल्ड पेंशन स्कीम दर्शन एक राष्ट्रीय मुद्दा बना हुआ है और इसे लागू करने को लेकर देशभर के कर्मचारी पिछले दिनों दिल्ली में बड़ा प्रदर्शन भी कर चुके हैं। इसी के बाद गृहमंत्री अमित शाह का बयान भी आया था कि सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर एक समिति बनाई हुई है। माना जा रहा है कि इसी के चलते अभी ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता या उनकी सरकार कोई भी स्पष्ट संकेत नहीं देना चाहते। शायद इसीलिए राजस्थान के कृषि विभाग के आदेश में भी अंशदायी पेंशन योजना लागू करने के उल्लेख को विलोपित किया गया है।