BHOPAL. पटवारी भर्ती परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े का मामला ठंडा पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है। कांग्रेस का बीजेपी पर हल्ला बोल जारी है। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने प्रेस कान्फ्रेंस कर गंभीर आरोप लगाए। पटवारी ने कहा कि ये देश का सबसे बड़ा ऑनलाइन घोटाला है। इस घोटाले में सीधे तौर पर सीएम शिवराज और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की भूमिका है। वहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि यह एक महाघोटाला है इस पर रोक लगाकर खुद सीएम ने स्वीकार लिया है।
नाम बदला काम नहीं - जीतू पटवारी
जीतू पटवारी ने कहा कि व्यापम का नाम बदलकर पहले पीईबी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड किया गया फिर नया नाम कर्मचारी चयन मंडल कर दिया गया। सीएम ने इसे सामान्य प्रशासन विभाग के तहत कर दिया जिसके मुखिया हमारे आदरणीय शिवराज जी हैं ताकि घोटाले को व्यवस्थित तरीके से किया जा सके। जो भी बड़े-बड़े और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय चर्चित घोटाले हैं वह सारे विभाग शिवराज जी के पास क्यों होते हैं ये बड़ा सवाल है। पटवारी ने कहा कि अब कमलनाथ सरकार आ रही है, इसका अध्ययन किया जाएगा, इसकी पूरी जांच कराई जाएगी और छात्रों से बिना कोई फीस लिए परीक्षा कराई जाएगी।
सीएम जवाब दें क्यों हुआ घोटाला
जीतू पटवारी ने कहा कि शिवराज को जवाब देना होगा कि पटवारी परीक्षा में घोटाला क्यों हुआ। 15 मार्च 2023 से 26 अप्रैल 23 तक चली पटवारी परीक्षा में 12.34 लाख विद्यार्थियों ने आवेदन किया जिसमें से 9.74 लाख परीक्षा में शामिल हुए। इस परीक्षा में पुरानी भर्ती परीक्षाओं में हुए घोटाले के रिकॉर्ड तोड़ दिए। 60 फीसदी से अधिक फर्जी सिलेक्शन किया गया है। कंप्यूटर कम्पनी से मिलीभगत कर सत्ता में बैठे लोगों ने पेपर को आउट करवाया और लाखों रुपए की रिश्वत प्रति विद्यार्थी लेकर परीक्षार्थी को सफल कराने का बड़ा खेल किया और जिस कम्पनी को ऑनलाइन का ठेका दिया गया था, उसे कई राज्यों में ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। लेकिन उसका नाम उजागर नहीं किया जा रहा है। पटवारी ने पूछा कि परीक्षा में घोटाला वही क्यों होता है जो परीक्षा के सेंटर बीजेपी नेताओं के होते हैं। 31 मार्च 2023 की स्थिति में व्यापम के पास 386 करोड़ की फिक्स डिपॉजिट है। 151 करोड़ रुपए बैंकों में बचत खाते और चालू खाते में जमा है और 186 करोड रुपए का उसने ऋण दे रखा है यानी सब मिलाकर 723 करोड़ इसके पास नगद पूंजी है। इसके बाद भी बेरोजगारों से लूट मचा रखी है और बेरोजगारों को लूटकर आरजीपीवी जैसी लाभ की संस्थाओं को 41करोड़ का दान दिया जा रहा है।
जांच कराने पर बंटे कांग्रेस नेता
पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाले में जांच कराने को लेकर कांग्रेस के नेता बंट गए हैं। जीतू पटवारी ने कहा कि इस घोटाले की जांच सीबीआई से नहीं बल्कि हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करानी चाहिए। वहीं अरुण यादव ने मांग की है कि इस पूरे मामले की CBI होना चाहिए और जो लिप्त है उसका जनता को भी पता चलना चाहिए।
चयनित युवाओं ने गृहमंत्री से लगाई गुहार
इधर परीक्षा में चयनित युवाओं ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से गुहार लगाई है। ये युवा नरोत्तम के निवास पहुंचे और कहा कि उन्होंने मेहनत कर इस परीक्षा को पास किया है और उनके पास लाखों रुपए नहीं है लेकिर भर्ती में रोक लगने से उनका भविष्य संकट में आ गया है। युवाओं ने कहा कि ये सब कोचिंग संचालकों के कारण आंदोलन हो रहे हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि छात्र उनसे लाखों रुपए देकर परीक्षा का कोर्स खरीदते रहें। युवाओं की इस मांग पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कहा कि कांग्रेस नेताओं के सामने उनको आंदोलन करना चाहिए क्योंकि ये सब उनका किया हुआ है। नरोत्तम ने कहा कि कांग्रेस 15 महीने की सरकार में एक नौकरी नहीं दे पाई और हम एक लाख नौकरी दे रहे हैं जिससे कांग्रेस को तकलीफ है और वो झूठे आरोप लगा रही है।