JAIPUR. राजस्थान में गहलोत सरकार की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। जयपुर में नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा को निलंबित करने की मांग को लेकर कांग्रेसी पार्षद धरना दे रहे हैं। उन्हें धरना देते हुए 46 घंटे हो चुके हैं। यानी कांग्रेसी पार्षद आर-पार के मूड में दिखाई दे रहे हैं। महापौर मुनेश गुर्जर ने कहा कि हम अपनी जायज मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। सत्य की नाव डगमग हो सकती है, डूब नहीं सकती। हमें पूरा विश्वास है कि सरकार हमारी मांग को पूरा करेगी। वहीं, अब मेयर मुनेश गुर्जर का एक वीडियो सामने आया है। इसमें मुनेश गुर्जर नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा को लताड़ लगाती नजर आ रही हैं। वीडियो शुक्रवार (16 जून) का है।
50 पार्षदों ने मांग पत्र और इस्तीफा सीएम को भेजा
मेयर मुनेश गुर्जर ने कहा कि नगर निगम के 50 पार्षदों ने अपना मांग पत्र, इस्तीफा दोनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके सचिव कुलदीप राका तक पहुंचा दिए हैं। हमें पूरा विश्वास है कि जल्द ही राजेंद्र वर्मा को उसके किए की सजा मिलेगी। सरकार उन्हें निलंबित करेगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम नगर निगम के बोर्ड और पार्षद पद को त्याग देंगे। जब पार्षद बनकर ही हम जनता की लड़ाई नहीं लड़ सकेंगे, फिर यह पद और नाम किस काम का है।
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सिविल लाइंस के कांग्रेसी पार्षद भी हमारे साथ
वहीं, सिविल लाइंस के कांग्रेसी पार्षदों के धरना छोड़कर जाने पर मुनेश गुर्जर ने कहा कि वह भी दिल से हमारे साथ हैं। उन्होंने भी राजेंद्र वर्मा के खिलाफ धरने में हमारे साथ बैठ कर विरोध किया था। किसी कारणवश वह फिलहाल हमारे साथ नहीं हैं। लेकिन, उनका पूरा समर्थन आज भी हमारे साथ है।
एडिशनल कमिश्नर वर्मा के निलंबन पर अड़े पार्षद, धरना जारी
नगर निगम के सीनियर पार्षद उमरदराज ने कहा कि राजेंद्र वर्मा की लापरवाही से आज जयपुर की जनता परेशान हो रही है। जो अधिकारी जयपुर की प्रथम नागरिक महापौर मुनेश गुर्जर से अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। आप कल्पना कीजिए वह जयपुर की जनता से किस तरह का बर्ताव करते होंगे। ऐसे में हमें इस तरह का अधिकारी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा। सरकार जब तक राजेंद्र वर्मा को निलंबित नहीं करेगी। हमारा धरना जारी रहेगा। हम आखिरी सांस तक जयपुर की जनता की हक की लड़ाई लड़ेंगे।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, नगर निगम के पार्षदों को उनके इलाकों में पांच अस्थाई कर्मचारी दिए जाते हैं। इसके लिए अतिरिक्त आयुक्त के निर्देशन में गठित टीम टेंडर प्रक्रिया निकालने वाली थी। पार्षदों का आरोप है कि राजेन्द्र वर्मा पिछले 15 दिन से टेंडर नोटशीट पर साइन नहीं कर रहे हैं। जबकि क्षेत्र में मानसून को देखते हुए कर्मचारियों की आवश्यकता है। 15 दिन बाद शुक्रवार (16 जून) को 50 पार्षद महापौर के पास गए और टेंडर नोटशीट पर साइन कराने की बात कही।
इस पर महापौर मुनेश गुर्जर ने अतिरिक्त आयुक्त वर्मा को अपने ऑफिस में बुलाया। जब वह नहीं पहुंचे तो पार्षद शाम 6 बजे अतिरिक्त आयुक्त को जबरन महापौर के कक्ष में ले आए। जहां महापौर और पार्षदों ने अतिरिक्त आयुक्त से फाइल पर साइन करने के लिए कहा। इसके बाद वर्मा की महापौर और पार्षदों से बहस हो गई। इससे नाराज पार्षदों ने राजेंद्र वर्मा को महापौर कक्ष में बंद कर दिया।
मंत्री महेश जोशी भी नहीं सुलझा सके विवाद
विवाद बढ़ने के बाद शाम करीब 7:15 बजे मंत्री महेश जोशी नगर निगम पहुंचे और दोनों पक्षों को सुना। लेकिन, मामला नहीं सुलझ पाया। महेश जोशी के रवाना होने के कुछ देर बाद अतिरिक्त आयुक्त भी पुलिस की मौजूदगी में भारी विरोध के बावजूद नगर निगम मुख्यालय से निकल गए। हालांकि, इसके बाद भी शुक्रवार (16 जून) रात से अब तक महापौर मुनेश गुर्जर के साथ पार्षद नगर निगम मुख्यालय में ही धरने पर बैठे हैं। वहीं राजेंद्र वर्मा शनिवार (17 जून) और रविवार (18 जून) के साप्ताहिक अवकाश की वजह से नगर निगम मुख्यालय नहीं पहुंचे।