Rajnandgaon. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव पहले कांग्रेस में जबरदस्त गुटबाजी देखने को मिल रही है। मामला राजनांदगांव जिले के छरिया का है जहां नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी आपसी खींचतान की वजह से चली गई है। नगरपंचायत छुरिया में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 10 मत मिले वहीं विपक्ष में 5 मत प्राप्त हुए। बीजेपी के बागी पार्षदों को कांग्रेस के तीन पार्षदों का साथ मिल गया। राजकुमारी सिन्हा का बतौर नगर पंचायत अध्यक्ष यह दूसरा कार्यकाल था। कांग्रेस पार्षद दल में हुई फूट का रिश्ता छुरिया विधानसभा में टिकट की दावेदारी से भी जोड़ा जा रहा है।
अविश्वास प्रस्वास के पक्ष में 10 वोट और 5 विपक्ष में पड़े
कांग्रेस का एक गुट राजकुमारी सिन्हा को छुरिया सीट से दावेदार के रूप में आगे बढ़ा रहा था, जो कांग्रेस के दूसरे गुट को पसंद नहीं आया। बहुप्रतिक्षित अविश्वास प्रस्ताव पर सोमवार (3 जुलाई) दोपहर नगर पंचायत में भारी गहमा-गहमी के बीच मतदान हुआ। बहुमत के लिए दो तिहाई मत नहीं जुटा पाईं, कांग्रेस की नगर पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा को नगर पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी गंवानी पड़ी। बता दें कि लगभग ढाई महीने से कांग्रेस की नगर पंचायत अध्यक्ष और बीजेपी से कई महीनों पहले निष्कासित आठ पार्षदों के बीच आपसी तालमेल नहीं होने के चलते विवाद गहराता जा रहा था। छुरिया की स्थानीय राजनीति में बदले समीकरणों के बीच इन आठ पार्षदों को उपाध्यक्ष समेत कांग्रेस के तीन बागी पार्षदों का भी साथ मिल गया और उनकी कुल संख्या 8 से 11 हो गई।