BHOPAL. अयोध्या में रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण कांग्रेस आलाकमान ने अस्वीकार कर दिया है। कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले के बाद पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता लगातार नाराजगी जता रहे है। फैसले को लेकर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद समेत कई नेता आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। इस निर्णय से पार्टी के कई नेता नाखुश हैं। इस बीच कड़ी नाराजगी जताते हुए धार में कांग्रेस नेता ने तो पार्टी ने इस्तीफा ही दे दिया है।
फैसले से दुखी होकर धार के कांग्रेस प्रवक्ता ने दिया इस्तीफा
कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का निमंत्रण ठुकराने का असर धीरे-धीरे नजर आ रहा है। धार में प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराने जाने से नाराज युवक कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता और कांग्रेस के जिला प्रवक्ता दीपेंद्र सिंह ठाकुर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से ही इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने धार जिला अध्यक्ष कमल किशोर पाटीदार को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होने पार्टी के निर्णय से खुद को आहत बताया है।
दीपेंद्र सिंह ठाकुर ने लिखा...
दीपेंद्र सिंह ठाकुर ने पत्र में लिखा, 'अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का निमंत्रण अस्वीकार्य कर दिया गया। ये निर्णय मन को आघात पहुंचाने वाला और पीड़ादायक है। 2012 से मैं अनवरत रूप से विभिन्न पदों पर रहते हुए शहर से लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के पद पर रहा हूं।
लिखी तुलसीदास की चौपाई
दीपेंद्र सिंह ठाकुर ने आगे लिखा कि संघर्ष की इस लड़ाई में अनेक प्रकरण मेरे ऊपर पंजीबद्ध हुए हैं, जो अभी न्यायालय में लंबित हैं परंतु निज धर्म को सर्वमान्य मानते हुए गोस्वामी तुलसीदास के कथन अनुसार... 'राम विरोध न उबरसि, सरण विष्णु अज ईस' के मूल मंत्र को ग्रहण करते हुए राम मंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव के निमंत्रण को नहीं स्वीकार करने के कारण अपने आप को कांग्रेस के सभी पदों से मुक्त कर प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं।'
पार्टी का यह निर्णय मन को आघात पहुंचाने वाला
दीपेंद्र सिंह पत्र में आगे लिखा कि मैं 2012 से कांग्रेस के लिए काम कर रहा हूं। जनता के हित में जिला से लेकर भोपाल और दिल्ली तक धरना-आंदोलन में शामिल रहा। राष्ट्रीय स्तर के मंचों से अपनी बात रख चुका हूं। कल जो घटना सुनने और देखने को मिली, वह आहत करने वाली है। राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव का निमंत्रण राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और हमारी नेता सोनिया गांधी को दिया गया था, उसे अस्वीकार कर दिया गया। मैं राम भक्त हूं। सनातन धर्म का सम्मान करता हूं। राम का विरोध करने वालों के साथ मैं नहीं रह सकता हूं इसलिए मैंने जिला अध्यक्ष को सभी पदों से इस्तीफा देने वाला पत्र सौंप दिया है। ठाकुर का कहना है कि मेरा किसी भी पार्टी में जाने का मन नहीं है, मैं निज सनातनी हूं इसलिए मैंने सिर्फ राम विरोध के कारण त्यागपत्र दिया है। क्योंकि मुझे भगवान श्री राम का अपमान किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं है।
101 दीपक जलाकर मनाउंगा उत्सव
बता दे कि कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले दीपेंद्र सिंह ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि राम किसी को मारे नहीं, सबके दाता राम.. आप ही मर जाएंगे कर के खोटे काम। ठाकुर ने निर्णय लिया है कि 22 जनवरी को अपने घर पर 101 दीपक जलाकर रामलला प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव मनाएंगे।
'दीपेंद्र जी, देर सही पर अच्छा निर्णय है'
इधर दीपेंद्र सिंह ठाकुर के फैसले को बीजेपी से सहीं बताते हुए समर्थन किया है। इस पोस्ट का समर्थन करते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा के महामंत्री अंकित भावसार ने लिखा, 'कांग्रेस ने हमेशा भगवान श्री राम के अस्तित्व को नकारने का काम किया है। आप ने अब समझा। कोई बात नहीं दीपेंद्र जी देर सही पर अच्छा निर्णय है।'
पार्टी के निर्णय से कई नेता नाखुश
बता दे कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर मिले निमंत्रण को कांग्रेस आलाकमान ने ठुकरा दिया। इस समारोह में सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन समेत कोई भी कांग्रेस नेता शामिल नहीं होगा। पार्टी की तरफ से कहा गया है कि ये कार्यक्रम बीजेपी ने राजनीतिक लाभ के लिए आयोजित किया है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकराने के बाद कांग्रेस पार्टी के ही कई नेता नाखुश दिखाई दे है। बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम, गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया समेत कई नेताओं ने इस फैसले को गलत ठहराया है। एमपी में भी कई कांग्रेस नेता नाराज हैं।