Jaipur. कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने कांग्रेस में नए युवाओं को आगे लाने और बुजुर्गों को सीट छोड़ने की सलाह दी है। भरत सिंह ने मुख्यमंत्री को भी अगली बार सीएम की दावेदारी छोड़कर युवाओं को आगे करने की सलाह देकर सियासी चर्चा छेड़ दी है। भरत सिंह ने कहा- मेरे सुझाव पर चलेंगे तो राजस्थान में कांग्रेस रिपीट करेगी। मुख्यमंत्री खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहें कि मैं मुख्यमंत्री का दावेदार नहीं हूं। नए लोगों को आगे करूंगा ताे कल ही नक्शा पलट जाएगा। सत्ता एक नशा है और यह मोह छूटता नहीं है। बता दें कि भरत सिंह जयपुर में कांग्रेस के वॉर रूम में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। कांग्रेस की राजस्थान यूनिट के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से मुलाकात के बाद विधायक ने यह बयान दिया है।
मैं अब चुनाव नहीं लडूंगा- भरत सिंह
सांगाेद विधायक भरत सिंह ने कहा- यह मोह माया है, छूटती नहीं है। मुझे किसी ने कहा थोड़े ही है कि अगला चुनाव मत लड़ो। यह तो मैं कह रहा हूं कि चुनाव नहीं लड़ूंगा। यही बात मुख्यमंत्री को बोलनी चाहिए। बेटे को आगे करें। नए लोगों को आगे आने दो। जिस तरह बुजुर्ग दुकानदार जवान बेटे को दुकान पर आगे बैठाकर पीछे से व्यवस्था देखता है। वैसे ही करना चाहिए। नए लोगों को आगे लाना चाहिए। भरत सिंह ने कहा- मैं तो कह रहा हूं, मैं तो खुद करके दिखा रहा हूं कि मैं अगला चुनाव नहीं लड़ूंगा। मेरे सुझाव पर चलेंगे तो जरूर सरकार रिपीट होगी।
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गहलाेत काे सत्ता का नशा… युवाओं काे दें माैका
कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने गहलोत को दी सीएम दावेदारी से हटने की सलाह। कहा- "गहलोत घोषणा करें कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आएगी तो मैं मुख्यमंत्री का दावेदार नहीं हूं, नवयुवक को आगे करूंगा।
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— TheSootr (@TheSootr) June 8, 2023
माैजूदा हाल में बयान महत्तवपूर्ण
11 जून काे सचिन पायलट की नई पार्टी की बनने या नहीं बनने की संभावनाओं के बीच विधायक भरत सिंह का बयान महत्तवपूर्ण है। यह बताता है कि कांग्रेस में वास्तव में सब-कुछ ठीक नहीं है। हालांकि यह संभावनाएं ज्यादा प्रबल हैं कि पायलट नई पार्टी नहीं बनाएंगे। बावजूद इसके डैमेज कंट्राेल राेकने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और सह प्रभारी अमृता धवन काे जयपुर बैठा दिया है।
ये 19 विधायक थे पायलट के साथ
मई 2020 में कांग्रेस की कथित बगावत के दाैरान जाे 19 विधायक सचिन पायलट के साथ थे, उनमें दीपेंद्र सिंह शेखावत, हेमाराम चौधरी, इंद्राज गुर्जर, जीआर खटाणा, मुकेश भाकर, भंवरलाल शर्मा, वेद प्रकाश सोलंकी, राकेश पारीक, हरीश मीणा, रमेश मीणा, पीआर मीणा, विश्वेंद्र सिंह, रामनिवास गावड़िया, अमर सिंह जाटव, गजेंद्र सिंह शक्तावत, बृजेंद्र सिंह ओला, सुरेश मोदी एवं मुरारीलाल मीणा शामिल थे। इनमें विधायक भरत सिंह शामिल नहीं थे। ऐसे में भरत सिंह का बयान बेहद अहम माना जा रहा है।