RAIPUR. मनेन्द्रगढ़ से कांग्रेस विधायक विनय जायसवाल ने बीजेपी के पूर्व विधायक श्याम बिहारी जायसवाल पर गंभीर आरोप लगाया है। विनय का कहना है कि श्याम बिहारी ने फर्जी दस्तावेज बनाकर आदिवासियों की 100 एकड़ से भी ज्यादा जमीन हड़प ली है। उन्होंने मां और पत्नी के नाम से 10 एकड़ से ज्यादा की जमीन का फर्जी डॉक्यूमेंट्स देकर वन अधिकार पट्टा हासिल किया है। विनय ने ये आरोप एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए।
विनय ने पत्र लिखकर की मामले की जांच करने की मांग
विनय ने इस मामले में पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखा है। साथ ही जांच कराने की मांग भी की है। दो अलग-अलग केस में फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन घोटाले को अंजाम दिया गया है। पहले केस में उनकी पत्नी के केस में राशन कार्ड लगाया गया है। लेकिन मां के केस में पहचान के लिए राशन कार्ड ना लगाकर फर्जीवाड़ा किया गया है। विनय का कहना है कि उनके पास सारे फैक्ट्स और एविडेंस हैं। इन्हीं फैक्ट्स और एविडेंस के आधार पर वे श्याम बिहारी पर ये आरोप लगा रहे हैं।
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एक परिवार के दो व्यक्तियों का नहीं बन सकता पट्टा
मनेन्द्रगढ़ विधायक ग्राम पंचायत खड़गवा ,रतनपुर, बरमपुर, माघौली, बेलबहरा तहसील क्षेत्र की 4 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन के घोटाले का आरोप श्याम बिहारी जायसवाल पर लगाया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में विनय ने कहा है कि 3 पीढ़ी के कब्जे का कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया है। बता दें, वन अधिकार पट्टा के अधिनियम के मुताबिक व्यक्तिगत पट्टा परिवार के लिए जारी किया जाता है। एक ही परिवार के दो व्यक्तियों का पट्टा नहीं बन सकता है। वहीं इनके तीन पीढ़ियों के कब्जे का कोई भी दस्तावेज पेश नहीं किया गया है। अपना नाम छिपाने के लिए मां और पत्नी के नाम से वन अधिकार पट्टे की बड़ी धोखाधड़ी की गई है। नियम के मुताबिक 10 एकड़ से अधिक भू-स्वामित्व परिवार वन अधिकार पट्टा के लिए पात्रता नहीं रख सकता।