JAIPUR. राजस्थान में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह से पहले डिप्टी सीएम पद को लेकर सियासत शुरू हो गई है। प्रदेश में दो विधायकों को उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाने को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा है कि संविधान में उपमुख्यमंत्री का कोई पद नहीं होता है। वहीं ये पहला मौका नहीं जब प्रदेश में डिप्टी सीएम बनाए गए हो कांग्रेस की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ सचिन पायलट ने भी उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
पीसीसी चीफ डोटासरा ने उठाए सवाल
राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा अपने दो उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के साथ शुक्रवार को शपथ ग्रहण करेंगे। इस बारे में राजभवन की सूचना के बाद सरकारी स्तर पर निमंत्रण पत्र व विज्ञापन भी जारी किए गए हैं। इस सूचना में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि, कल होने वाले कार्यक्रम के सरकारी निमंत्रण में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण का विवरण लिखा गया है, जबकि संविधान की धारा 163 व 164 में ऐसे किसी पद की शपथ का विवरण नहीं है, जाहिर है कि राज्य में उपमुख्यमंत्री का कोई संवैधानिक पद नहीं होता है।
पहले भी बनाए गए थे डिप्टी सीएम
राजस्थान में यह पहला मौका नहीं है जब उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं। अशोक गहलोत सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह रामनिवास बाग के अल्बर्ट हॉल के बाहर ही हुआ था। इस दौरान गहलोत के साथ सचिन पायलट ने भी उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, लेकिन सरकारी निमंत्रण में इसका कोई जिक्र नहीं था। इसके पहले अपने प्रथम कार्यकाल में अशोक गहलोत ने द्वारका प्रसाद बैरवा और कमला बेनीवाल को भी उपमुख्यमंत्री बनाया था। वहीं, भैरोंसिंह शेखावत के कार्यकाल के दौरान भी हरिशंकर भाभड़ा उपमुख्यमंत्री बने थे।