Bhopal. मध्यप्रदेश को हमेशा से शांति का टापू कहा जाता रहा है, लेकिन बीते करीब सवा साल में ही प्रदेश में जेएमबी, पीएफआई, हिज्ब उत तहरीर के साथ-साथ आईएसआईएस से जुड़े नेटवर्क का खुलासा हो चुका है, ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर शांति का यह टापू मध्यप्रदेश कहीं आतंकी संगठनों का सुरक्षित अड्डा तो नहीं बनता जा रहा। एक वेबसाइट में छपी रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जाहिर की गई है। बकौल रिटायर्ड डीजी अरुण गुर्टू आतंकी संगठन उन्हीं हिस्सों में अपनी गतिविधियों का विस्तार करते हैं, जहां वे खुद को अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। यही कारण है कि सूबे में आतंकी संगठनों के नेटवर्क का पता लगने के बाद कई तरह के सवाल उठने शुरू हो चुके हैं।
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एमपी के रास्ते गजबा ए हिंद की कोशिश!
जांच एजेंसियों ने अब तक पकड़े गए आतंकी स्लीपर सेल के सदस्यों से पूछताछ में यह दावा किया है कि इन सभी का मकसद हिंदुस्तान में इस्लाम की सत्ता स्थापित करना है। सदियों पहले मुहम्मद बिन कासिम जिस गजबा ए हिंद के नारे के साथ सिंध पर आक्रमण करने पहुंचा था। आतंकी संगठन भी उसी नारे गजबा ए हिंद को जबान पर रखकर अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं। इसलिए 6 राज्यों से घिरा मध्यप्रदेश भौगोलिक दृष्टि से आतंकियों की पसंद बना हुआ है। इसकी शुरुआत सिमी के जरिए की गई, कालांतर में सिमी पर प्रतिबंध लगाया गया और उसके सदस्यों की धरपकड़ शुरू की गई। बाद में सिमी से जुड़े लोग ही जेएमबी, पीएफआई, एचयूटी और आईएसआईएस जैसे संगठनों को लोग मुहैया कराने में जुटे हुए हैं।
शरिया सत्ता, लव जेहाद और धर्मांतरण और खलीफा की सरपरस्ती में कब्जे का मंसूबा
बता दें कि इन आतंकी संगठनों का उद्देश्य भी मिलता जुलता है। जेएमबी यानि जमात उल मुजाहिदीन संगठन 1998 में अस्तित्व में आया और अब भारत में सक्रिय है। संगठन का उद्देश्य भारत में शरिया शासन लागू कराना है। दूसरी तरफ धर्मांतरण समेत आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला संगठन पीएफआई वैसे तो कर्नाटक में अस्तित्व में आया लेकिन अब यह पूरे देश में फैलकर भारत में इस्लामिक स्टेट की स्थापना करना चाहता है। वहीं हिज्ब उत तहरीर की बात की जाए तो इजराइल में अस्तित्व में आया यह संगठन भी कुछ ऐसे ही उद्देश्य की खातिर लब जिहाद और धर्मांतरण के जरिए भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के मंसूबे पाले हुए है। वहीं इराक में अस्तित्व में आए आईएसआईएस के बारे में तो पूरी दुनिया जानती है कि यह संगठन खलीफा की सरपरस्ती में पूरी दुनिया को लाना चाहता है। जिसके निशाने पर हिंदुस्तान भी है।