संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर के विजयनगर थाने में सोमवार (19 जून) रात को एसटीएफ भोपाल ने दबिश मारी और थाने में ही खुफिया विभाग में काम करने वाले कांस्टेबल धर्मेंद्र शर्मा को पकड़ लिया। एसटीएफ ने जोश में यह कार्रवाई की और शर्मा को कॉलर पकड़ कर थाने से उठा लिया, लेकिन इसके बाद भोपाल से फोन शुरू हो गए। मंत्री से लेकर उच्च अधिकारियों तक के फोन चले गए। कारण है कि इससे थाने की बदनामी हो रही थी कि यहां सालों से कांस्टेबल खुफिया विभाग में काम कर रहा है और उसकी असलियत ही थाना प्रभारी से लेकर किसी अधिकारी को नहीं पता है। इसके बाद अपनी नाक बचाने का सिलसिला शुरू हुआ और आखिर में एसटीएफ पूछताछ करके बिना गिरफ्तारी लिए लौट गई। वैसे विजयनगर थाने के टीआई रविंद्र गुर्जर गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के क्षेत्र से ही आते हैं और उनके काफी करीबी माने जाते हैं।
व्यापमं से फर्जी तरीके से हुआ है भर्ती
जानकारी के अनुसार कांस्टेबल शर्मा पर एसटीएफ ने अपराध क्रमांक 33/23 दर्ज कर लिया है और यह छह माह की जांच के बाद हुआ है। शर्मा पर आरोप है कि वह केवल पांचवी पास है और इसी को लेकर उसके ही दूर के रिश्तेदार ने शिकायत की थी कि वह कांस्टेबल कैसे बन सकता है, जबकि उसने तो पढ़ाई ही नहीं की है। इसके बाद जांच हुई तो शिकायत सही पाई गई। प्रारंभिक जांच में आया कि 2014-15 की भर्ती परीक्षा में वह किसी और अपने स्थान पर बैठा कर परीक्षा पास कर चुका है और इसके बाद से ही वह नौकरी कर रहा है।
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अधिकारी कर रहे अब दस्तावेज लेने की बात
एसटीएफ इस मामले में शर्मा को गिरफ्तार कर चुकी थी लेकिन तब फोन पर सब कुछ सेट कर लिया गया। इसके बाद अधिकारियों ने बयान देना शुरु किया कि शर्मा की गिरफ्तारी नहीं हुई है। एसटीएफ कुछ पूछताछ के लिए आई थी और दस्तावेज, जानकारी लेना थी, वह लेकर टीम लौट गई। उधर शर्मा का रिकार्ड भी सही नहीं है, विजयनगर थाने में रहते हुए उस पर कई आरोप लग चुके हैं।