BALOD. छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य कर्मचारियों पर एस्मा लगाए जाने के विरोध करते हुए संविदा कर्मियों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। नियमितीकरण की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे संविदाकर्मियों ने शुक्रवार (14 जुलाई) को बालोद में विरोध प्रदर्शन किया। इन कर्मचारियों ने हाथों में तिरंगा लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट तक पहुंचे, लेकिन सभी को बाहर ही रोक दिया गया। इसके बाद अपनी मांगों को लेकर
कर्मचारियों ने एडीएम योगेंद्र श्रीवास को सामूहिक इस्तीफा सौंपा।
कर्मचारी बोले- हम डरने वालों में से नहीं हैं
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को रोकने के लिए बैरिकेट लगाकर रास्ता बंद करने और पुलिस की तैनाती पर कर्मचारियों ने कहा कि, हम डरने वालों में से नहीं हैं। प्रशासन भी हमसे बात नहीं करना चाहता। सरकार भी हमसे बात नहीं करना चाहती तो आखिर हम किसके पास जाएं। सरकार जितना हमारे ऊपर दबाव डाल ले, पर हम टूटने वाले नहीं हैं। हम भले काम छोड़ देंगे लेकिन सरकार के दबाव में नहीं आएंगे।
'मुख्यमंत्री अपने वादे से मुकर रहे हैं'
संविदा कर्मचारी उमेश्वरि देशमुख ने बताया कि इससे पहले करीब 400 संविदा कर्मचारी रायपुर में इस्तीफा दे चुके हैं। इसके बाद आज 350 कर्मचारियों ने अपना इस्तीफा प्रशासन को सौंप दिया है। संविदा कर्मचारियों ने कहा कि पिछले चुनाव में हम मुख्यमंत्री के पास नहीं गए थे। वह हमारे आंदोलन स्थल पर आए और कहा था कि हमें सरकार में आने का मौका दो। 10 दिन के भीतर आपको रेगुलर करेंगे। उनके पांच साल के कार्यकाल में केवल दो महीना बचा हुआ है। इसमें भी वे अपने वादे से मुकर रहे हैं और संविदा कर्मचारियों को परेशान कर रहे हैं।
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चाहे सरकार एस्मा लगा दे हम डरेंगे नहीं
संविदा कर्मचारी तोमन आरदा ने बताया कि हम कभी भी डरने वाले नहीं हैं। चाहे सरकार एस्मा लगा दे। फिर बिना इमरजेंसी हालात के स्वास्थ्य कर्मियों पर एस्मा लगाया गया, जो कि बिल्कुल गलत है। यह हमारे संगठन और हमारी एकता को तोड़ने की एक साजिश है, लेकिन स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ हम सभी संविदा कर्मचारी सामूहिक रूप से इस्तीफा देने पहुंचे हैं। हम यह दावे के साथ कह सकते हैं कि, जो हम सब कर्मचारियों की बात सुनेगा, वही इस प्रदेश में राज करेगा।