इंदौर में बिल्डर अनिल डोसी और हेमंत यादव के बीच फिर बढ़ा विवाद, 22 करोड़ की जमीन को लेकर दोनों ने एक-दूसरे की सूचना का किया खंडन

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Puneet Pandey
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इंदौर में बिल्डर अनिल डोसी और हेमंत यादव के बीच फिर बढ़ा विवाद, 22 करोड़ की जमीन को लेकर दोनों ने एक-दूसरे की सूचना का किया खंडन

संजय गुप्ता INDORE. इंदौर के जाने-माने बिल्डर अनिल डोसी पिता शांतीप्रिय डोसी और हेमंत यादव के बीच 22 करोड़ की जमीन को लेकर 27 अप्रैल से ही चल रहा घमासान अब और बढ़ गया है। इस मामले में पहले डोसी यादव पर आरोप लगा चुके हैं कि उन्होंने दफ्तर में रिवाल्वर अड़ाकर उनसे जमीन सौदे पर हस्ताक्षर करा लिए। लेकिन, बाद में सामने आया है कि रिवॉल्वर अड़ाने वाली कोई बात नहीं हुई थी और शुद्ध रूप से यह जमीन का विवाद था। अब इसी मामले में नौ जून को पहले डोसी ने एक जाहिर सूचना जारी कर अपने हिस्से की जमीन को साल 2006 में ही बेचा जाना बता दिया। वहीं, यादव ने अब रविवार (11 जून) को इसका प्रतिवाद जारी कर दिया है कि 27 अप्रैल को डोसी के साथ उनका जमीन का करार हुआ है, वह इससे पलट नहीं सकते हैं, इसके लिए कानूनी कार्रवाई करेंगे। 



पहले देखते हैं डोसी ने जाहिर सूचना में क्या लिखा



डोसी ने लिखा है कि ग्राम दतोदा की हल्का नंबर 25 के सर्वे नंबर 580/1, 580/1, 581/1, 581/2, 582/2, 583/3, 585/2 व अन्य की 5.262 हेक्टेयर जमीन मेरे व शकील पिता दाउद खान के 50-50 फीसदी हिस्से में है। इस जमीन में मैंने अपने हिस्से की आधी जमीन 21 जुलाई 2006 को दानीश पिता साजिद खान रानीपुरा को बेच दी है। साथ ही अर्शद पिता साजिद खान को रजिस्टर्ड मुख्तायरानामा भी कर दिया है। अब इस जमीन को लेकर पूरी जिम्मेदारी मेरी नहीं होकर दानिश की है। 

यादव ने यह किया सूचना का प्रतिवाद

यादव ने प्रतिवाद में लिखा है कि इस सर्वे नंबर की जमीन का सौदा 27 अप्रैल 2023 को डोसी ने उनके साथ किया है और इसका सौदा प्रतिफल चेक व नकद के जरिए गवाह विशाल भंडारी व हेमंत सिहं के सामने प्राप्त किया है। कई बार कहा गया कि बाकी राशि लेकर हमारी जमीन की रजिस्ट्री कर दो लेकिन जमीन के भाव में उछाल आने से वह आनाकानी करते रहे। बाद में मेरे खिलाफ पलासिया थाने में झूठा केस दर्ज करा दिया। जिसमें कोर्ट से अग्रिम जमानत हो गई है। यदि उनके द्वारा जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराई जाती है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी और कोर्ट में बाकी राशि जमा करते हुए अपने हित में रजिस्ट्री कराई जाएगी। 



डोसी ने क्या लगाए थे आरोप



27 अप्रैल की रात को डोसी ने आरोप लगाए थे कि हेमंत यादव अपने कुछ साथियों के साथ मेरे एबी रोड पलासिया स्थित दफ्तर में दोपहर पौने दो बजे आए और वहां उनके साथियों ने रिवाल्वर अड़ा दी और एक सौदे पर हस्ताक्षर करा लिए। लेकिन डोसी ने इस घटना के सीसीटीवी पुलिस को दिए ही नहीं। द सूत्र को मिली जानकारी के अनुसार यादव वहां गए थे और सौदे पर चर्चा भी हुई और हस्ताक्षर भी हुए, लेकिन रिवॉल्वर वाली घटना हुई ही नहीं है और इस पर डोसी ने यादव पर केस भी करा दिया। इस बिल्डर डोसी के समर्थन के लिए भोपाल से एक हाईप्रोफाइल मंत्री का फोन भी पुलिस के पास गया था, वहीं यादव की ओर से इंदौर के दबंग विधायक भी आगे आए थे। 



जमीन का यह है मुद्दा



दतोदा की 5.263 हेक्टेयर जमीन को लेकर बिल्डर डोसी और हेमंत यादव के साथ मौखिक सौदा हुआ। जमीन का सौदा एक करोड़ दस लाख प्रति एकड़ में तय हुआ। यानि सौदा कुल 14 करोड़ 30 लाख का हुआ, जिसमें 14 लाख नकद में दे दिए गए और 11 लाख का चेक दिया जो डोसी ने बैंक में नहीं लगाया। बाद में यादव ने बाद में इस सौदे को लिखित रूप देने की मांग की, तब दलाल के माध्यम से बताया गया कि सौदा अब एक करोड़ 70 लाख प्रति एकड़ में होगा, यानि अब जमीन 14.30 करोड़ की जगह 22 करोड़ में मिलेगी। आठ करोड़ और ज्यादा लगेंगे। इसी से बात बिगड़ गई और यादव ने डोसी से कहा कि वह ज्यादा से ज्यादा सवा करोड़ प्रति एकड़ देंगे, क्योंकि सौदा तो पहले ही तय हो चुका है। लेकिन बाद में विवाद बढ़ गया और फिर 27 अप्रैल को यादव उनके मालव टावर स्थित दफ्तर में गए और सौदे पर हस्ताक्षर हुए।


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