Kota. कोटा में ऐतिहासिक मेला दशहरा के आयोजन के लिए रखी गई नगर निगम की बैठक में निगम आयुक्त के बर्ताव से विपक्षी पार्षद दल नाराज हो गया है। दरअसल बैठक में मीडिया की उपस्थिति पर निगम आयुक्त ने ऐतराज जताया था। लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने मीडिया के सामने बैठक करने की बात कही तो निगम आयुक्त चुटकी बजाते हुए बैठक छोड़कर चले गए। अब विपक्षी बीजेपी पार्षदों ने इस रवैए को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है।
माफी मांगे निगम आयुक्त
इस घटना के बाद बीजेपी पार्षदों ने साफ कह दिया है कि जब तक निगम आयुक्त अपने बर्ताव के लिए उनसे सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगते, तब तक विपक्षी पार्षद बैठक में नहीं जाएंगे। बता दें कि बैठक में समिति अध्यक्ष मंजू मेहरा के साथ सभी सदस्यगण मौजूद थे। जिस दौरान यह वाक्या हुआ था।
मीडिया की मौजूदगी से थी आपत्ति
दरअसल बैठक की शुरुआत में ही नगर निगम उत्तर के आयुक्त अनुराग भार्गव ने मीडिया की मौजूदगी पर एतराज जाहिर करते हुए मीडियाकर्मियों को बाहर जाने की रिक्वेस्ट की थी। समिति अध्यक्ष मंजू मेहरा ने भी इस बात पर सहमति दे दी थी। लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बैठक में मीडिया के मौजूद रहने से आखिर किस बात की आपत्ति है। बोर्ड बैठकों में तो मीडिया मौजूद रहता है। फिर मेला समिति की बैठक में क्या आपत्ति है।
नोंक झोंक के बाद चले गए थे आयुक्त
दरअसल नेता प्रतिपक्ष की बात पर निगम आयुक्त ने आपत्ति उठाई थी, जिस पर नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी ने कहा कि मैं मेला समिति का सदस्य हूं, मुझे राज्य सरकार ने सदस्य बनाया है। आप मुझे अपनी बात रखने से रोक नहीं सकते। इस पर नाराज होकर निगम आयुक्त भार्गव चुटकी बजाते हुए अपने अधिकारियों को साथ लेकर बैठक से चले गए थे।
मुख्य सचिव को भेजा ज्ञापन
इस घटना के बाद निगम आयुक्त के आचरण को लेकर बीजेपी पार्षदों ने मुख्य सचिव को कलेक्टर के जरिए ज्ञापन भेजा है। वही नेता प्रतिपक्ष ने साफ कर दिया है कि जब तक अनुराग भार्गव अपने दुर्व्यवहार के लिए माफी नहीं मांगेंगे उसके बाद ही वे बैठक में शामिल होंगे। उनका इस प्रकार मीटिंग से चले जाना जनप्रतिनिधियों का अपमान है।