RAIPUR. विशेष न्यायालय ने कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार IAS रानू साहू की न्यायिक रिमांड 18 अगस्त तक बढ़ा दी है। साथ ही महिला IAS अफसर रानू साहू की जमानत याचिक पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब मामले में कल 5 अगस्त को फैसला होगा। रानू साहू की 10 दिन की न्यायिक रिमांड शुक्रवार को खत्म हुई थी। जिसके बाद शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई की गई। IAS रानू साहू को फिलहाल जेल में ही रहना होगा।
रानू साहू और निखिल चंद्राकर की न्यायिक रिमांड बढ़ाई गई
IAS अफसर रानू साहू को शुक्रवार भी कोर्ट से राहत नहीं मिल सकी। बचाव पक्ष के वकीलों ने जमानत देने की मांग रखी मगर बात नहीं बनी। मामले में विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए रानू साहू और निखिल चंद्राकर की न्यायिक रिमांड 18 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। 10 दिन की रिमांड के आखिरी दिन कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई हुई हालांकि इस दौरान रानू साहू को जेल से कोर्ट नहीं लाया गया था, सुनवाई के बाद आए फैसले के अनुसार अब उन्हे 18 अगस्त तक जेल में ही रहना होगा। ED ने उन्हें कोल मामले में आरोपी बताया है।
मामले में 4 अफसरों सहित 14 लोग गिरफ्तार
बता दें कि इसके पहले 25 जुलाई को रिमांड खत्म होने के बाद ED की टीम ने रानू साहू को कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन्हें चार अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। रिमांड के दौरान ED अधिकारी रानू साहू से मिली डायरी, मोबाइल चैट के बारे में पूछताछ कर चुके हैं। कोल के अवैध परिवहन मामले में अब तक चार अफसरों सहित कुल 14 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। ED को मिले अहम सबूतों के मुताबिक रानू साहू करोड़ों रुपए के हेर-फेर में शामिल थीं, फिलहाल मामले की जांच जारी है। कोल स्कैम मामले में ED ने 22 जुलाई को रानू साहू को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने IAS अधिकारी रानू साहू को सस्पेंड कर दिया है। दरअसल ED की जांच में पता चला था कि कोल स्कैम केस में सूर्यकांत तिवारी के साथ आईएएस रानू साहू का क्लोज एसोसिएशन है।
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2005 में डीएसपी बनी थी रानू साहू
कोल स्कैम में आरोपी रानू साहू 2005 में डीएसपी बनी थीं। रानू साहू ने ग्रेजुएशन के बाद पुलिस की तैयारी करने फॉर्म भर दिया था। हाईकोर्ट ने रिजल्ट पर रोक लगा दी थी लेकिन जब दोबारा रिजल्ट घोषित किया गया तो वो पास हो गई और रैंक के हिसाब से रानू साहू को डीएसपी का पद दिया गया। पुलिस की सर्विस के साथ ही उन्होंने IAS की भी तैयारी जारी रखी। 2010 में उन्होंने यूपीएससी क्लियर करके आईएएस चयनित हुई। छत्तीसगढ़ में अब तक वे चार जिलों की कलेक्टर भी रह चुकी हैं।