BILASPUR. तखतपुर में एक अजीब तरह का मामला सामने आया है, जो शायद आपको हैरान कर देगी। दरअसल, परिजनों ने जिस अधजली शव को बेटी मानकर अंतिम संस्कार कर दिया, वह तीन साल बाद जिंदा मिल गई है। अपनी बेटी को जिंदा देखकर मां समेत परिजनों में खुशी का माहौल है। यह मामला साला 2020 की है, जब गुम हुई 20 वर्षीय युवती की तलाश कर जब परिजन थक-हार चुके थे, तभी एक साल बाद नांदघाट थाना क्षेत्र से जला हुआ युवती के शव मिलने की सूचना परिजन को मिली। इसके बाद अपनी बेटी का शव मानकर परिजनों ने अंतिम संस्कार भी कर दिया था।
पुलिस ने फोन किया, मिल गई है आंचल
इस पूरे मामले में एक नया मोड़ तब आया, जब तीन साल बाद दुर्ग के सखी वन स्टॉप सेंटर से तखतपुर थाने में फोन आया कि यहां आपके क्षेत्र की आंचल नाम की युवती है। पुलिस ने युवती को वहां से सकुशल लाकर उसके परिजन से मिलवा भी दिया। बता दें कि तखतपुर के सुभाष नगर की 20 वर्षीय आंचल के परिजन ने तखतपुर 2020 में बेटी के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। परिजन ने बताया था कि युवती घर से मंदिर जाने निकली थी, लेकिन लौटकर घर नहीं आई। युवती के परिजन और पुलिस ने युवती की काफी खोजबीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इस बीच दो साल पहले युवती के परिजन को पता चला कि नांदघाट थाने में एक युवती की अधजली लाश मिली है। परिजन नांदघाट थाने पहुंचे और उसे अपनी बेटी का शव मानकर अंतिम संस्कार भी कर दिया था।
मां बोली-पिता की मौत के बाद मानसिक आघात लगा
इस बारे में माता सरोजनी ने बताया कि आंचल सिर्फ आठवीं तक ही पढ़ी है। जब वह 13 साल की थी, तो उसके पापा के देहांत होने के कारण बेटी को मानसिक आघात लगा। इसके कारण बीच-बीच में उसकी याददाश्त जाने लगी थी। झाड़-फूंक भी कराए थे, लेकिन फायदा नहीं हुआ। बेटी के गायब होने के बाद नांदघाट थाने में शव मिलने की जानकारी पर जाकर देखे तो वह पूरी तरह जल चुकी थी। हमें लगा कि वह हमारी ही बेटी का शव है, तो यही समझकर किसी और का अंतिम संस्कार कर दिया था, लेकिन अब मुझे मेरी बेटी के जिंदा वापस लौटने से मैं बहुत खुश हूं।