RAIPUR. महासमुंद जिले के सरायपाली विधानसभा के कांग्रेस विधायक चातुरी नंद को राजा वीरेंद्र बहादुर महाविद्यालय के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में अतिथि नहीं बनाएं जाने से सरायपाली की राजनीति में एक नया विवाद शुरू हो गया है। महाविद्यालय के वार्षिक उत्सव के आमंत्रण कार्ड पर भी विधायक चातुरी नंद के नाम का जिक्र भी नहीं है। इस वजह से कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कॉलेज पर भारी नाराजगी जाहिर की है।
चातुरी नंद ने कॉलेज प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप
चातुरी नंद महाविद्यालय के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची थी। उन्होंने कहा कि वह अतिथि के तौर पर नहीं बल्कि कॉलेज के पूर्व छात्रा के रूप आई है। ये सुनकर वहां बैठे स्टूडेंट्स ने ताली बजाकर अभिवादन किया। इस बाद विधायक चातुरी नंद सीधे दर्शक दीर्घा में बैठे छात्रों के बीच जाकर बैठ गई। महाविद्यालय में कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब चातुरी बाहर आई तो उन्होंने महाविद्यालय प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मैं इस कॉलेज की भूतपूर्व छात्रा रही हूं और एक छात्रा के रूप में कार्यक्रम देखने आई हूं। इस कॉलेज में पहले से ही दलितों के लिए मन में दुर्भावना रखी हुई है, जो अब भी जारी है।
हम दलितों को झेलनी पड़ती है प्रताड़ना
चातुरी नंद का कहना है कि एक दलित जनप्रतिनिधि यहां का प्रथम नागरिक होता है और उन्हें भी इस कॉलेज में अतिथि के रूप में स्थान नहीं दिया गया। हम दलितों को प्रताड़ना झेलना पड़ता होगा। पहले भी ऐसा होता था, और अब भी ऐसा हो रहा है। इसमें कोई फर्क नहीं है। चातुरी नंद ने कहा कि शायद एक दलित जनप्रतिनिधि होने के कारण मुझे मंच से बाहर रखा गया। कॉलेज प्रबंधन इतना लापरवाह नहीं हो सकता। यह सोची समझी रणनीति के तहत दुर्भावना से किया गया है।