SHEOPUR. श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता टिबलिसी की मौत हो गई। टिबलिसी 10 दिनों से लापता थी। 26 मार्च से अब तक कूनो में 3 शावकों समेत 9 चीतों की मौत हो चुकी है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक असीम श्रीवास्तव ने बताया कि धात्री सुबह मृत पाई गई। पोस्टमार्टम के बाद मौत की वजह का खुलासा होगा।
10 दिनों से लापता थी टिबलिसी
मादा चीता टिबलिसी कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में घूम रही थी। उसका हेल्थ चेकअप होना था, इसलिए वन विभाग की टीम पिछले 10 दिनों से उसकी तलाश कर रही थी। टिबलिसी 10 दिनों से लापता थी। आज सुबह वो मृत पाई गई।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना
प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मृत्यु का समाचार आया है। जब से प्रधानमंत्री ने चीतों को यहां छोड़ा है, तब से अब तक नौ चीतों की मौत हो चुकी है, लेकिन सरकार लगातार इस बात पर अड़ी हुई है कि वह अन्य किसी जगह पर चीतों को नहीं बसाएगी।
बेगुनाह वन्य प्राणियों को अपने राजहठ…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 2, 2023
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कूनो में हो रही चीतों की मौत को लेकर शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि कूनो में लगातार हो रही चीतों की मौत के बाद भी सरकार इस बात पर अड़ी है कि वह चीतों की शिफ्टिंग नहीं करेगी। बेगुनाह वन्य प्राणियों को राजहठ की भेंट चढ़ाना निंदनीय है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी चीतों की मौत पर जताई थी चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने भी चीतों की मौत पर चिंता जाहिर की थी। 20 जुलाई को SC ने केंद्र सरकार से कहा था कि राजनीति से ऊपर उठकर कूनो से कुछ चीतों को राजस्थान शिफ्ट करने पर विचार करना चाहिए। क्यों नहीं आप राजस्थान में कोई अच्छी जगह ढूंढते? सिर्फ इसलिए कि राजस्थान में विपक्षी दल (कांग्रेस) की सरकार है, इसका मतलब ये नहीं कि आप इस प्रस्ताव पर विचार न करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अफ्रीका और नामीबिया से जितने चीते लाए गए थे, उनमें से 40 फीसदी की मौत हो चुकी है। इन्हें भारत लाए हुए अभी 1 साल भी पूरा नहीं हुआ। मौतों का ये आंकड़ा अच्छी बात नहीं है।
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कूनो नेशनल पार्क में बचे 15 चीते
कूनो नेशनल पार्क में अब 15 चीते बचे हैं। 14 चीते बाड़े में हैं और एक बाहर है। इनमें से 7 नर, 6 मादा और 1 शावक बाड़े में है। वहीं एक मादा चीता फिलहाल खुले जंगल में घूम रही है। बाड़े के सारे चीते स्वस्थ हैं। लगातार उनका हेल्थ चेकअप किया जा रहा है। वहीं जंगल में घूम रही मादा चीता की भी निगरानी की जा रही है। उसे बाड़े में लाने की कोशिश लगातार जारी है।