Jaipur. राजस्थान के कर्मचारी चयन बोर्ड ने एक अहम फैसला लेते हुए भर्ती में फर्जी डिग्री या दस्तावेज लगाने वालों के खिलाफ सख्ती करने का मन बना लिया है। बोर्ड ने ऐसा करने वालों को आजीवन भर्तियों से अयोग्य करने का फैसला लिया है। बता दें कि पेपर लीक के बाद कई भर्तियों की जांच में फर्जी प्रमाण पत्रों को लगाकर पद पाने की बात सामने आई है। यह फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद भी ऐसे अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही थी। लेकिन अब फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थियों को भर्तियों से आजीवन बैन किया जाएगा।
मनचलों पर भी कसा शिकंजा
इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने यह ऐलान किया था कि मनचलों के नाम आरपीएससी, चयन बोर्ड और कोचिंग संस्थानों को भिजवाए जाएंगे ताकि उनका इलाज हो सके। हालांकि अभी फर्जी डिग्री और दस्तावेजों के जरिए भर्ती में शामिल होने वालों पर ही विशेष निगाह रहेगी।
बता दें कि हरि प्रसाद शर्मा ने बीते महीने बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। उनका कहना है कि इससे फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा, भर्तियों से बैन किए जाने के डर से अभ्यर्थी जालसाजी करने की हिम्मत नहीं करेंगे। दरअसल सहायक रेडियोग्राफर भर्ती, लैब टेक्नीशियन भर्ती, पीटीआई भर्ती समेत कई भर्तियों में फेक सर्टिफिकेट के जरिए जालसाजी करने वाले अभ्यर्थी पकड़े जा चुके हैं।
बोर्ड ने अब फैसला लिया है कि भर्तियों में खेल प्रमाण पत्र, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, डिग्री, डिप्लोमा या कोई और सर्टिफिकेट जांच में फर्जी पाया जाता है तो ऐसे अभ्यर्थियों को बोर्ड की आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं से आजीवन के लिए अयोग्य किया जाएगा।
फल-फूल रहा था फर्जी सर्टिफिकेट का कारोबार
दरअसल जांच में यह भी सामने आया था कि प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए अभ्यर्थियों को बड़ी आसानी से फर्जी डिग्री और डिप्लोमा के साथ-साथ सर्टिफिकेट उपलब्ध कराए जा रहे थे। इसके लिए गोरखधंधेबाज बकायदा पूरा नेक्सस तैयार किए हुए हैं। हर सर्टिफिकेट का एक निश्चित दाम रखा गया था और दाम चुकाने पर फर्जी सर्टिफिकेट मुहैया करा दिया जाता था।