महादेव सट्टा एप परिवाद पंजीबद्ध करने पर फैसला 10 जनवरी को, रवि उप्पल की वापसी इसी फैसले पर टिकी

author-image
The Sootr
एडिट
New Update
महादेव सट्टा एप परिवाद पंजीबद्ध करने पर फैसला 10 जनवरी को, रवि उप्पल की वापसी इसी फैसले पर टिकी

Raipur. याज्ञवल्क्य मिश्रा.  महादेव सट्टा एप मामले में ईडी द्वारा विशेष अदालत में पेश किए गए परिवाद के पंजीबद्ध होने को लेकर सुनवाई दस जनवरी को होना है। परिवाद के पंजीबद्ध होने का मसला इस कदर महत्वपूर्ण है कि इसी पर दुबई से रवि उप्पल का प्रत्यर्पण भी टिका हुआ है। महादेव सट्टा एप संचालकों में प्रमुख रवि उप्पल दुबई की जेल में बंद है। 13 दिसंबर को उसके गिरफ्तार होने की खबरें सार्वजनिक हुईं हैं।

क्या है मसला

महादेव सट्टा ऑनलाइन बेटिंग एप है। इसकी शुरुआत छत्तीसगढ़ से ही हुई, और छत्तीसगढ़ में ही सबसे पहले इस एप के संचालकों पर एफआइआर भी दर्ज हुई। दुर्ग जिले में हुई एफआइआर को आधार बनाकर ईडी ने इसमें जांच शुरू की और यह पाया कि, महादेव सट्टा एप के ज़रिए न्यूनतम 6 हज़ार करोड़ का प्रवर्तन हुआ है। यह राशि दुबई में बैठे महादेव एप के प्रमोटरों तक पहुंचती है। ईडी के अनुसार इस राशि का एक प्रभावी हिस्सा राजनयिक और पुलिस के तंत्र पर भी खर्च हुआ। ईडी ने असीम दास नामक व्यक्ति के हवाले से तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल को करोड़ों रुपए दिए जाने की जानकारी अदालत को दी है।

20 अक्टूबर से परिवाद जमा है

रायपुर की विशेष अदालत में महादेव सट्टा एप को लेकर ईडी का परिवाद बीते 20 अक्टूबर से अदालत में पेश है। इस के पंजीबद्ध होने का अर्थ यह है कि ईडी को मामले की विवेचना पर न्यायालय का प्रथम दृष्टया समर्थन मिलेगा, जो इस मामले में आरोपियों के लिए क़ानूनी मुश्किलें और तकलीफदेह कर देगा। बहरहाल दस जनवरी को ईडी के इस परिवाद पर कोर्ट सहमति देते हुए इसे पंजीबद्ध करती है या फिर कोई नया पेंच खड़ा होता है यह देखने की बात होगी।

Ravi Uppal Mahadev Satta App भूपेश बघेल पूर्व सीएम ईडी ईडी भूपेश बघेल ED ईडी छापा छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ रवि उप्पल Bhupesh Baghel former CM ED Bhupesh Baghel महादेव सट्टा एप ED raid Chhattisgarh Chhattisgarh