Jaipur. भरतपुर में बुधवार को टोल नाके पर हुई फायरिंग की घटना के बाद राजस्थान के गृह विभाग को आखिर वीडियो कॉन्फ्रेंस से कोर्ट की पेशी कराने की व्यवस्था की याद आ गई। विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को फायरिंग की घटना पर उच्च स्तरीय बैठक में तय किया गया कि हार्डकोर अपराधियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंस से कराई जाएगी।
बैठक में महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा सहित पुलिस के सभी आला अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में तय हुआ कि महानिदेशक जेल विभाग पुलिस महानिदेशक से समन्वय स्थापित कर जिला स्तर पर एक कमेटी गठित करेंगे। गठित कमेटी हार्डकोर बदमाशो, संगठित गिरोह और गंभीर धाराओं में बंद अपराधियों जिन्हें पेशी पर ले जाने के दौरान जानलेवा हमला होने या फिर कानून व्यवस्था बिगड़ने की संभावना हो, उन्हें चिन्हित कर सूची तैयार करेंगे। सुरक्षा कारणों की वजह से ऐसे अपराधियों की कोर्ट में पेशी हाई सिक्योरिटी जेल अजमेर की तर्ज पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करवाई जाएगी। व्यक्तिगत पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं होने या कोर्ट के आदेशों की पालना में ही होगी।
बंदी को यदि दूसरे जिले के कोर्ट में ले जाना है तो दोनों जिलों के पुलिस अधीक्षक बंदियों के आवागमन के लिए पूरी सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराएंगे। साथ ही संभव हो तो ऐसे बंदियों को सामान्य बस के स्थान पर पुलिस वाहन से ही पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ भेजा जाएगा। गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है कि जब बंदियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंस से कराने की बात सामने आई है।
उससे पहले जब कुख्यात अपराधी आनंदपाल फरार हुआ था तब भी यह तय किया गया था कि बंदियों की पेशी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कराई जाए। उसके लिए विधानसभा में बिल भी पारित कराया गया था और जेलो तथा कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी विकसित की गई थी। जोधपुर जेल में बंद आसाराम की पेशी के समय भी इस तरह की व्यवस्था करनी पड़ी थी क्योंकि आसाराम के समर्थक उसकी पेशी के समय जेल और कोर्ट के बाहर जमा हो जाया करते थे और कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति बन जाती थी।
फायरिंग की घटना की जांच करेंगे आईजी प्रफुल्ल कुमार
महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा ने बताया कि भरतपुर जिले के अमोली टोल प्लाजा पर हुई फायरिंग की घटना की जांच महानिरीक्षक अपराध प्रफुल्ल कुमार को सौंपी गई है।