विपक्ष को राहत... I.N.D.I.A के इस्तेमाल पर तत्काल रोक से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार, केंद्र और निर्वाचन आयोग को नोटिस

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The Sootr CG
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 विपक्ष को राहत... I.N.D.I.A के इस्तेमाल पर तत्काल रोक से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार, केंद्र और निर्वाचन आयोग को नोटिस

New Delhi.  2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ही विपक्षी गठबंधन के नए नाम (I.N.D.I.A) को लेकर बवाल मच रहा है। जहां सियासी बयानबाजी हो रही है, वहीं मामला कोर्ट तक भी पहुंच गया है। इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) नाम के इस्तेमाल को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट से विपक्षी दलों को राहत मिली है। शुक्रवार (4 अगस्त) को हाईकोर्ट ने आईएनडीआईए के उपनाम के तौर पर इंडिया का उपयोग करने पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। मामले में पीठ ने केंद्र सरकार, निर्वाचन आयोग समेत अन्य से नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 



पीठ ने कहा- दूसरे पक्ष को भी सुनना जरूरी



सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि दूसरे पक्ष को सुने बिना आदेश नहीं दे सकते। ऐसे में केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। मामले में अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी।



हाईकोर्ट में जनहित याचिका कौन ने दायर की 

कार्यकर्ता गिरीश भारद्वाज ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है। याचिका में विपक्षी दलों को गठबंधन के संक्षिप्त नाम आईएनडीआईए का इस्तेमाल करने से रोकने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि चुनाव आयोग को इसको लेकर शिकायत भेजी थी। आयोग की तरफ से जवाब ना मिलने पर कोर्ट का रुख करना पड़ा। 



क्या है दी है दलील?



याचिका में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयानों का हवाला दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने अपने गठबंधन का नाम I.N.D.I.A पर रखा है। राहुल गांधी के बयान ने जनता के मन में भ्रम पैदा कर दिया है। बयान में कहा गया था कि आगामी चुनाव एनडीए और I.N.D.I.A के बीच लड़ा जाएगा। 



चुनाव में राजनीतिक हिंसा का डर



याचिका में गिरीश भारद्वाज ने कहा है कि विपक्षी पार्टियों ने अगले लोकसभा चुनाव में अनुचित फायदा लेने के लिए गठबंधन का नाम I.N.D.I.A रखा है। ऐसा करने से उकसावा हो सकता है। राजनीतिक दलों के बीच नफरत पैदा हो सकती है। इससे राजनीतिक हिंसा होने की प्रबल संभावना भी है। कोर्ट ने हस्तक्षेप नहीं किया तो बड़ा नुकसान हो सकता है। 



राष्ट्रीय प्रतीक का हिस्सा है INDIA 



याचिकाकर्ता ने अपने तर्क में यह भी कहा कि INDIA राष्ट्रीय प्रतीक का हिस्सा है। इसका उपयोग किसी भी व्यावसायिक, व्यावसायिक उद्देश्य और राजनीतिक उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता है। राजनीतिक दलों का स्वार्थी काम आगामी लोकसभा चुनावों में शांतिपूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष मतदान पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इससे हिंसा भड़क सकती है और देश की कानून व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है।

 


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