संजय गुप्ता, INDORE. मप्र में जीएसटी ट्रिब्यूनल की बेंच इंदौर में गठित करने के लिए हाईकोर्ट इंदौर की डबल बेंच में मंगलवार, 26 सितंबर को टीपीए (टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन) इंदौर की याचिका स्वीकार हो गई है। इस मामले में हुई सुनवाई के बाद हाईकोर्ट सभी संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगने का आदेश दिया। इस दौरान हाईकोर्ट जस्टिस ने याचिकाकर्ता के अधिकवक्ता से कहा भी काम तो सबसे ज्यादा इंदौर में ही होगा ना? इस पर अधिवक्ता ने कहा जी, यहां पर इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल भी है। इसके बाद नोटिस जारी करने के आदेश हो गए।
इन तर्कों को हाईकोर्ट के सामने रखा गया
वरिष्ठ अधिवक्ता सुमित नेमा द्वारा तर्क दिए गए कि मूल प्रस्ताव में इंदौर में ही बेंच बनाने का फैसला हुआ था और जीएसटी काउंसिल के मिनिट्स में भी यह आया हुआ है। हाईकोर्ट ने उन मिनिट्स के दस्तावेजों का भी अवलोकन किया। अधिवक्ता ने यह भी कहा कि प्रस्ताव में था जहां हाईकोर्ट बेंच हो वहां इसे बनाय जाए, इंदौर के साथ ग्वालियर, जबलपुर में भी होना चाहिए। कई छोटे राज्यों में छत्तीसगढ़ जैसी जगह पर दो शहरों को बेंच दी गई है। गुजरात में तीन, महारष्ट्र में पांच, राजस्थान में दो, इश तरह कई जगह एक से ज्यादा बेंच है। अधिवक्ता ने बेंचों की जानकारी हाईकोर्ट में दी। सभी तर्कों को सुनने के बाद नोटिस जारी करने का आदेश हुआ।
इन्हें बनाया गया है पक्षकार
टीपीए ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार, जीएसटी काउंसिल, मप्र वाणिज्यिक कर विभाग प्रमुख सचिव और आयुक्ट स्टेट जीएसटी को पक्षकार बनाया है। इन सभी को नोटिस जारी हुए हैं।
14 सितंबर को बेंच की घोषणा के बाद से ही कानूनी लड़ाई
मप्र में जीएसटी ट्रिब्यूनल गठन के लिए 14 सितंबर को भोपाल का नाम नोटिफाई होने के बाद से ही इंदौर में जीएसटी ट्रिब्यूनल गठन कराने के लिए लड़ाई शुरू हो गई है। यहां व्यापारिक संगठन से लेकर सीए, कर सलाहकार सभी संगठन इस बात के लिए सहमत है कि इंदौर में यह बेंच होना चाहिए। टीपीए (टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन) ने इस मामले में ज्ञापन दिया साथ ही हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। टीपीए द्वारा गठित कमेटी में सांसद शंकर लालवानी से लेकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव तक संरक्षक हो गए हैं।