संजय गुप्ता, INDORE. मध्यप्रदेश में बीजेपी ने कांग्रेस को पटखनी देने के लिए 39 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी तो घोषित कर दिए लेकिन अब यही मुश्किलें भी खड़ी कर रहा है। डॉ. राजेश सोनकर को सोनकच्छ भेजने के फैसले का विरोध और विधानसभा पांच से महेंद्र हार्डिया का विरोध तो हो ही रहा था, अब विधानसभा राउ से मधु वर्मा के घोषित टिकट का भी विरोध होने लगा है। वहीं विधानसभा एक में भी पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता के लिए भी विरोध के सुर उठने लगे हैं। यहां पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता के विरोध में रैली निकाली और अमित शाह से न्याय की गुहार लगाई।
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नाराज कार्यकर्ताओं ने गुप्ता के खिलाफ निकाली रैली
विधानसभा क्रमांक-1 एक में सुदर्शन गुप्ता साल 2008 और 2013 दो बार विजयी हुई लेकिन साल 2018 में कांग्रेस के संजय शुक्ला से आठ हजार वोट से हार गए थे। अब बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कई आरोप लगाते हुए सुदर्शन गुप्ता के खिलाफ रैली निकाली और इस सीट से चेहरा बदलने की मांग की। यहीं नहीं गुजरात से आए प्रवासी विधायकों के सामने भी गुप्ता को बदलने की मांग उठी। यहां से खुद उषा ठाकुर फिर से आना चाहती है, इसके साथ ही एआईएमपी अध्यक्ष योगेश मेहता, टीनू जैन भी मजबूत दावेदार है।
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गुजरात के विधायकों के सामने कहा- इन्हें टिकट मिला तो बीजेपी चुनाव हार जाएगी
गुजरात से प्रवासी विधायक इंदौर की सभी विधानसभा सीटों की जमीनी हकीकत देखने आए हुए हैं। कार्यकर्ता सीट नंबर-5 में विधायक महेंद्र हार्डिया, सीट नंबर-1 में पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता और राऊ प्रत्याशी मधु वर्मा का विरोध कर रहे हैं। मधु वर्मा का नाम 39 हारी हुई विधानसभा के प्रत्याशियों वाली लिस्ट में है। सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को गुजरात के प्रवासी विधायकों की गोपनीय बैठक हुई। बैठक में संभागीय प्रभारी राघवेंद्र गौतम, चुनाव संयोजक बाबू सिंह रघुवंशी, आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा और नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे मौजूद रहे। प्रवासी विधायकों ने कहा कि विधायक और पूर्व विधायकों के प्रति कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर इन्हें टिकट दिया गया तो पार्टी को नुकसान होगा।
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सुदर्शन गुप्ता का विरोध क्यों ?
बैठक में पार्टी के पूर्व नगर मंत्री सुभाष परमार और पूर्व पार्षद प्रत्याशी दिनेश शर्मा ने सुदर्शन गुप्ता पर कार्यकर्ताओं से भेदभाव का आरोप लगाया है। सुदर्शन गुप्ता का विरोध दो गुट कर रहे हैं। पहला गुट इस बार खुद के लिए टिकट मांग रहा है या वह नया प्रत्याशी चाहता है। दूसरे गुट का विरोध इसलिए है क्योंकि नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद का टिकट नहीं दिया गया और गुप्ता ने कई लोगों के टिकट कटवा दिए थे, गुप्ता का कहना था कि इन्होंने विधानसभा चुनाव में सहयोग नहीं किया।
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मधु वर्मा की जगह दूसरे चेहरे पर विचार करने की मांग
बीजेपी ने 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। इसमें इंदौर से राऊ विधानसभा से मधु वर्मा को टिकट दिया गया है। जिसके बाद दूसरे दावेदार के समर्थकों ने वर्मा का विरोध शुरू कर दिया। बिजलपुर के बूथ अध्यक्ष मोहन पटेल ने बीजेपी आलाकमान से मांग की है कि राऊ विधानसभा को लेकर एक बार और विचार करना चाहिए। पार्टी को राऊ का पुन: निरीक्षण कराकर टिकट तय करना चाहिए। राऊ में अभी बहुत ज्यादा मधु वर्मा का खुलकर तो कोई विरोध नहीं कर रहा है, लेकिन अंदरूनी हलचल मची हुई है। यहां से जीतू जिराती भी तैयारी कर रहे थे। अब उनके समर्थक पार्टी से टिकट पर विचार करने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही बीजेपी नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे का भी यहां से दावेदारी थी। वहीं एमआईसी सदस्य अभिषेक बबूल शर्मा भी मजूबत दावेदार थे।
विधानसभा क्रमांक पांच में पहले ही चल रहा विरोध
इधर, विधानसभा क्रमांक पांच में साल 2003 से विधायक महेंद्र हार्डिया बीते चुनाव में बमुश्किल 1132 वोट से जीते थे। इसके बाद कुछ समय पहले दावेदारों ने एक बैठक कर पार्टी से नए दावेदार को मौका देने की बात कहने का फैसला लिया था और खून से हस्ताक्षर वाला पत्र पार्टी को देने की बात कही थी। गुरुवार को कार्यकर्ताओं ने प्रवासी विधायक संदीप देसाई के सामने हार्डिया का विरोध जताया। देसाई ने सरदार वल्लभ भाई पटेल मंडल की बैठक ली। देसाई ने मंडल से विधानसभा जीतने की बात की तो पूर्व पार्षद ने कहा कि टिकट बदल जाए तो विधानसभा आसानी से जीत लेंगे। विधायक संदीप देसाई ने जवाब दिया कि आप यह मत सोचिए कि मैं टिकट फाइनल करने आया हूं। मैं सिर्फ संगठन की बात करने आया हूं।
हार्डिया का विरोध होते देख बैठक खत्म कर चले गए संदीप देसाई
इस पर नानू राम कुमावत ने कहा कि हमें मालूम है आप टिकट नहीं दे सकते, लेकिन कार्यकर्ताओं की बात संगठन तक पहुंचा तो सकते हैं। विधायक संदीप देसाई ने कहा- महेंद्र हार्डिया को टिकट मिले तो क्या दिक्कत है। यह सुनते ही दिनेश शर्मा बोले- पार्षद के टिकट के समय हार्डिया ने कहा था इस बार तुम्हें पार्षद का टिकट नहीं मिलेगा। क्योंकि अब नए व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा। संगठन का ऐसे ही चलता है। जब पार्षद के टिकट बदल सकते हैं तो विधायक के क्यों नहीं? लगातार हार्डिया का विरोध होते देख देसाई बैठक खत्म कर चले गए। यहां से गौरव रणदिवे के साथ ही पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन के बेटे मिलिंद महाजन, नानुराम कुमावत भी दावेदारी कर रहे हैं।