आमीन हुसैन Ratlam. मध्य प्रदेश के रतलाम के वार्ड 38 के मोचीपुरे क्षेत्र रहवासी कई सालों से जर्जर सड़क की समस्या से जूझ रहे हैं। इस क्षेत्र की मोचीपुरा रोड, अजा थाना रोड, दानीपुरा जाने वाला मार्ग और शनिमंदिर की ओर जाने वाली सड़कों में गड्ढों की भरमार है। आए दिन इन सड़कों से गुजरने पर आमजनों को हादसों का शिकार होना पड़ता है लेकिन जिम्मेदार लापरवाह हैं। यहां तक कि रहवासियों ने रोड नहीं तो वोट नहीं तक की बात कही है। रहवासियों ने भाजपा शासन में मुस्लिम इलाकों में विकास कार्यों में भेदभाव करने का आरोप लगाया है। इस मार्ग से गुजरने पर राहगीरों को सड़क हादसों का शिकार होना पड़ रहा है। कुछ दिन पहले ही क्षेत्रवासियों ने सड़क नहीं बनवाने के विरोध में सड़क जाम कर प्रदर्शन किया था। जिसमंे निगम के जिम्मेदारों ने 25 जून तक सड़क के काम शुरू होने की बात कही थी, लेकिन हालफिलहाल तक इसके आसार नजर नहीं आ रहे।
पार्षद बोले-सड़क स्वीकृत पर नहीं करा रहे निर्माण
दरसअल इसी मामले में वार्ड पार्षद वाहिद शेरानी से बात की गई तो उन्होंने भी भाजपा की ओर से क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर भेदभाव का आरोप लगाया है। पार्षद ने कहा कि इस क्षेत्र की सड़क बनने का कार्य कई समय से 40 लाख की लागत से स्वीकृत है, लेकिन भाजपा के भेदभाव की वजह से जनता को हादसों का शिकार होना पड़ रहा है। प्रभारी मंत्री सचिन यादव द्वारा भूमि पूजन किया गया था। वर्क ऑर्डर भी हुए लेकिन अब आगे से ऑर्डर हुआ की इन क्षेत्रों में काम नही करना है।
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अतिक्रमण का दिया जा रहा हवाला
पार्षद ने कहा कि सड़क निर्माण में महापौर का कहना है कि जब तक झोपड़ियां नहीं हटेगी तब तक काम नहीं हो पाएगा। जबकि यह झोपड़ियां सड़क से काफी दूर हैं। तरह तरह के बहाने बनाये जा रहे हैं। कांग्रेस के वार्ड में भाजपा के मेयर काम नहीं करने दे रहे हैं। इस वार्ड में यदि भाजपा का पार्षद होता तो तुरंत काम हो जाता। लगता है विधायक और महापौर बड़े हादसों का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के पिछले कार्यकाल से घटिया कार्यकाल यह है। जिसमंे काम नही हो पा रहे हैं और जनता को सुविधा देने में जिम्मेदार पीछे हट रहे हैं।
महापौर बोले अतिक्रमण हटाया जाना जरूरी
इधर महापौर ने इस मामले में कहा है कि सड़क स्वीकृत है, बस काम लगाने की देर है, यदि बगैर अतिक्रमण हटाए सड़क निर्माण कराते हैं तो इससे जनता को ही असुविधा होगी और कब्जे हमेशा के लिए जमे रहेंगे। महापौर ने मुस्लिम बहुल इलाकों में भेदभाव के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जब शासन की अन्य योजनाओं का लाभ मुस्लिम बहुल इलाकों की जनता को मिल ही रहा है तो फिर सड़क बनाने में निगम को क्या आपत्ति हो सकती है। बस अतिक्रमण हटने की देर है।
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