Rajgarh. राजगढ़ के खिलचीपुर में बागेश्वरधाम सरकार पं धीरेंद्र शास्त्री हनुमंत कथा का वाचन कर रहे हैं। कथा के पहले दिन कथा पंडाल पूरी तरह श्रद्धालुओं से भरा रहा। श्रद्धालु पं. धीरेंद्र शास्त्री की एक झलक पाने बेताब दिखाई दिए। जब शास्त्री मंच पर कथा करने पहुंचे तो श्रद्धालुओं ने पूरे उत्साह के साथ उनका स्वागत किया। पूजन अर्चन के साथ हनुमंत कथा की शुरूआत करते हुए पं धीरेंद्र शास्त्री ने कथा के दौरान कहा कि यदि भारत के लोगों को महान बनना है तो बजरंगबली को केवल चित्र तक सीमित न करें। बल्कि हनुमानजी को अपने चरित्र में उतारें।
केवल चित्र तक सीमित कर रखा है
शास्त्री ने कथा के दौरान कहा कि हनुमान जी को महज घरों के चित्र के तौर पर और मंदिर तक सीमित कर रखा है। जबकि वे कलयुग में सकल गुण निधान हैं और रामकथा के दीवाने हैं। शास्त्री ने कथा समाप्ति के बाद मंच से ही कहा कि वे 27 जून को दिव्य दरबार लगाएंगे और शाम को कथा में धर्म विरोधियों के छक्के छुड़ा देंगे। बीच बीच में पं धीरेंद्र शास्त्री ने अनेक संगीतमयि भजन भी सुनाए जिसका पंडाल में मौजूद श्रद्धालुओं ने झूम-झूमकर लुत्फ उठाया।
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1 लाख श्रद्धालु रहे मौजूद
कथा के पहले दिन पंडाल में करीब 1 लाख श्रद्धालु मौजूद रहे, शाम 6 बजे से चली कथा रात 8 बजे तक चली। इसके बाद पं धीरेंद्र शास्त्री अपने विश्राम स्थल के पैलेस में चले गए। वहां भी उनसे मिलने वालों का तांता लगा रहा।
आगमन पर उमड़ा जनसैलाब
राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में सोमवार को पंडित धीरेंद्र शास्त्री को एक झलक देखने के लिए ब्यावरा से खिलचीपुर तक सड़क के पास हुजूम उमड़ पड़ा। बाबा ने लोगों से वाहन के ऊपर से हाथ जोड़कर सीताराम किया। जिसके बाद उनका काफिला दोपहर तीन बजे खिलचीपुर पहुंचा। इस दौरान यहां हल्की बारिश हो रही थी। जिसके बाद धीरेन्द्र शास्त्री कथा स्थल के सामने एक पैलेस में रुके। जहां कुछ देर आराम करने के बाद करीब साढ़े 6 बजे वहां कथा स्थल पर पहुच थे।