BHOPAL. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ईवीएम और वीवीपैट पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बुधवार को कहा, मेरा आरोप है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है दबाव में है। चुनाव आयोग से हम निष्पक्षता की उम्मीद करते हैं।EVM का सारा काम प्राइवेट लोगों के हाथ में है। जब सॉफ्टवेयर ही सब करता है तो वही सॉफ्टवेयर तय करेगा सरकार किसकी बनेगी।
दिग्विजय सिंह ने कहा- इलेक्शन प्रोसेस का मालिक सॉफ्टवेयर
भोपाल में श्यामला हिल्स स्थित अपने निवास पर दिग्विजय सिंह ने कहा, 140 करोड़ आबादी वाले देश में जहां 90 करोड़ मतदाता हैं तो क्या हम ऐसे लोगों के हाथ में ये सब तय करने का अधिकार दे दें। पूरी इलेक्शन प्रोसेस का मालिक न मतदाता है, न अधिकारी-कर्मचारी हैं। इसका मालिक सॉफ्टवेयर बनाने और डालने वाला है। उन्होंने कहा, सवालों के जवाब चुनाव आयोग नहीं दे रहा है। हमसे कहते हैं कि 7 सेकंड के लिए वीवीपैट दिख जाता है, लेकिन वो जो दिखता है वही छपता है इसकी क्या गारंटी है?
चुनाव आयोग से निष्पक्षता की उम्मीद- दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह ने कहा, मैंने मुख्यमंत्री काल में टीएन सेशन साहब का जमाना देखा है। हम लोग कुछ कह दें तो ईसीआई ( इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ) नोटिस दे देता है। नरेंद्र मोदी कर्नाटक में कहें कि बजरंग बली की जय बोलो और कमल का बटन दबाओ तो उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं होता। कई बार मेरी बात पर आप लोग और मेरी पार्टी भी भरोसा नहीं करती है।
'2024 के बाद लोकतंत्र नहीं रहेगा'
दिग्विजय सिंह ने कहा, हमें ईवीएम के वीवीपैट पर भरोसा नहीं, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भरोसा नहीं। केवल सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है। 2024 के बाद लोकतंत्र नहीं रहेगा। हम चाहेंगे कि चुनाव बैलेट पेपर से हों। अगर चुनाव आयोग को ईवीएम से इतना ही प्रेम है तो वीवीपैट की पर्ची वोटर के हाथ में दे। वे कहते हैं कि बहुत टाइम लगेगा। अगर 5 साल के लिए सरकार तय करने के लिए 24-48 घंटे का समय भी नहीं दे सकते, हमसे हफ्ते भर ईवीएम की रखवाली कराते हैं, तो ईमानदारी से वोटिंग और काउंटिंग क्यों न हो।
एमपी में 230 सीटों पर गड़बड़ी की
कर्नाटक में सरकार बनने पर दिग्विजय ने कहा, अगर ये सब जगह करेंगे तो जनता को जल्दी समझ आ जाएगा। जहां इन्हें पता है कि बीजेपी है ही नहीं वहां नहीं करेंगे। मध्यप्रदेश में 230 सीटों पर इन्होंने ईवीएम में गड़बड़ी की। 120-130 सीटों पर नहीं। 10% का स्विंग किया, इसलिए हम कुछ सीटें 60-70 हजार एक लाख से हार गए।
2018 विधानसभा चुनाव में भी चुनिंदा सीटों पर खेल किया
दिग्विजय सिंह ने 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों पर भी सवाल खड़े किए। कहा, इस चुनाव में चुनिंदा सीटों पर खेल किया था। केंद्र के दो-दो मंत्री यहां तैनात किए गए। जब शिवराज सिंह के नेतृत्व में बीजेपी 60-70 सीटों पर जीती थी, तब अमित शाह दर-दर भटके और फिर ये पूरा खेल किया गया।
वीवीपैट पब्लिक डोमेन में क्यों नहीं डालते?
दिग्विजय ने आस्ट्रेलिया का जिक्र करते हुए चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, आस्ट्रेलिया की तर्ज पर वीवी पैट पब्लिक डोमेन में क्यों नहीं डालते। आज विश्व में 5 देश ऐसे हैं, जहां EVM से वोट डाला जाता है। यहां सॉफ्टवेयर पब्लिक डोमेन में है। हमारे यहां 2003 से ही ऐसा नहीं है। इन सभी में पारदर्शिता होनी चाहिए। उन्होंने कहा, लोगों ने आरटीआई लगाकर सवाल भी पूछे, मगर सभी लोगों को अलग-अलग जवाब दिए।
दिग्विजय बोले, जब चुनाव आयोग से बोला गया तो कहा सॉफ्टवेयर को पब्लिक डोमेन में नहीं रख सकते क्योंकि इसका दुरुपयोग हो सकता है। ये तो और भी खतरनाक है कि चुनाव आयोग मानता है इसका दुरुपयोग हो सकता है।
कहा- सॉफ्टवेयर ही तय करेगा सरकार किसकी बनेगी
ईवीएम प्रामाणिकता को लेकर कोई भी जानकारी नहीं है। सॉफ्टवेर कौन डाल रहा है, इसकी कोई जानकारी भी नहीं है। सॉफ्टवेयर बनाने वाला, डालने वाला और सॉफ्टवेयर ही तय करेगा कि सरकार किसकी बनेगी। वोट डालने के बाद 7 सेकेंड के लिए वीवीपैट में लाइट जलती है। वोटर सिर्फ इसमें पर्ची देखकर चला जाता है।
EVM में गड़बड़ी का डेमो भी दिया
प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ दिग्विजय सिंह ने आईआईटी दिल्ली के अतुल पटेल से पूरी मतदान प्रक्रिया का डैमो दिलाया। इस दौरान एक ईवीएम में 10 वोट डाले गए। उन्होंने बताया कि 2017 में वीवीपेट का ग्लास बदल दिया गया था। वोट डालने के बाद 7 सेकेंड के लिए वीवीपैट में लाइट जलती है। वोटर पर्ची देखकर चला जाता है।
पहले बटन पर तरबूज को दो वोट गए, दूसरे पर सेब की पर्ची प्रिंट हुई
आईआईटीयन अतुल पटेल ने मशीन की गड़बड़ी को दिखाने के लिए एक चिह्न तरबूज को दो वोट डाले। पहला तरबूज की पर्ची वीवी पैट में दिखी। दूसरा वोट तरबूज का बटन दबाने के बावजूद सेब की पर्ची प्रिंट हुई। अतुल ने कहा, 2013 से चुनावी प्रक्रिया पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम बैलेट पेपर से वोटिंग की लड़ाई लड़ रहे हैं।