BHOPAL. चुनावी साल में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भोपाल और इंदौर में अपने समर्थकों को जिला अध्यक्ष बनवा दिया है। दिग्विजय सिंह के आगे सुरेश पचौरी भी अपने समर्थक को जीवनदान नहीं दिला पाए।
दिग्विजय फिर कामयाब
एआईसीसी ने प्रदेश के तीन प्रमुख शहरों भोपाल, इंदौर और खंडवा के जिला अध्यक्षों का फैसला कर दिया। इसके साथ ही सात नेताओं की नियुक्ति के आदेश जारी हुए। भोपाल में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के समर्थक कैलाश मिश्रा को आखिरकार हटा दिया गया है, जबकि पचौरी उन्हें ही जिला अध्यक्ष बनाने के लिए जोर लगा रहे थे। दिग्विजय अपने समर्थक को इस कुर्सी पर बिठाना चाहते थे। दिग्विजय कामयाब हुए और उन्होंने दिल्ली दरबार से अपने समर्थक मोनू सक्सेना को अध्यक्ष बनवा लिया। इंदौर में भी दिग्विजय के सहारे जीतू पटवारी की जीत हो गई।
इंदौर में जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष की खाली कुर्सी दिग्विजय सिंह समर्थक सुरजीत सिंह चड्ढा को मिल गई है। यहां कुछ महीने पहले अरविंद बागड़ी को जिला अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन इंदौर से लेकर भोपाल तक विरोध होने की वजह से कुछ घंटे में ही उनके आदेश पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद यहां के प्रभारी महेंद्र जोशी को शहर कांग्रेस अध्यक्ष का प्रभार भी दे दिया गया था। जोशी पचौरी समर्थक माने जाते हैं।
खंडवा में अरुण यादव को फिफ्टी परसेंट कामयाबी
वहीं, खंडवा में जिला शहर और ग्रामीण अध्यक्ष की नियुक्ति में पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव को कामयाबी मिली है। लेकिन ये कामयाबी फिफ्टी परसेंट ही रही। यादव समर्थक अजय ओझा को खंडवा ग्रामीण का अध्यक्ष बनाया है, लेकिन उनके दूसरे समर्थक मोहन दाकसे को शहर कांग्रेस अध्यक्ष बनाने में वे असफल रहे हैं। खंडवा शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनीष मिश्रा को बनाया गया है जो सुरेश पचौरी समर्थक बताए जाते हैं। उनका नाम वहां के प्रभारी और पचौरी समर्थक कैलाश कुंडल ने आगे बढ़ाया था।
नेताओं को प्रदेश कार्यकारिणी में जगह
एआईसीसी ने भोपाल, इंदौर व खंडवा जिला कांग्रेस के नेताओं को प्रदेश कार्यकारिणी में जगह दी है। भोपाल के कैलाश मिश्रा, इंदौर शहर में कुछ घंटे अध्यक्ष की कुर्सी संभालने वाले अरविंद बागड़ी व विशाल अग्निहोत्री और खंडवा के मनोज भारतकर को महासचिव बनाया गया है।
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