BHOPAL. मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जतन के लिए निकल चुके हैं। इस बार वे प्रदेश की 35 शेड्यूल कास्ट के लिए सुरक्षित सीटों का दौरा करेंगे। अपने दौरे की शुरुआत उन्होंने भोपाल के बैरसिया सीट से की, यहां वे 11 किलोमीटर तक नंगे पैर पैदल चले और जनता से समर्थन मांगने के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को भी एकजुट करने का प्रयास किया।
दिग्विजय की यात्रा से कांग्रेस को आस
बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी दिग्विजय सिंह ने नर्मदा की पैदल परिक्रमा की थी। पिछले विधानसभा चुनाव में मिली कांग्रेस की जीत के पीछे उनकी इस यात्रा को भी श्रेय दिया जाता है। यही कारण है कि कांग्रेस ने एक बार फिर उन्हें हारी हुई सीटों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट करने का जिम्मा देने के बाद अब एससी सीटों का दारोमदार सौंपा है। इससे पहले 66 सीटों का दौरा कर चुके दिग्विजय सिंह उन सीटों पर जिताऊ उम्मीदवारों के नाम की लिस्ट कमलनाथ को सौंप चुके हैं।
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जातीय समीकरण पर रहेगी नजर
दिग्गी जिन 35 एससी सीटों का दौरा शुरु कर चुके हैं, उन विधानसभाओं की पूरी डिटेल पहले से ही कांग्रेस मुख्यालय ने मंगा रखी थी। अपने दौरे में दिग्विजय एससी वर्ग में भी उन जातियों और उनके जनप्रतिनिधियों पर ज्यादा ध्यान देंगे जो निर्णायक स्थिति में हैं। इसके अलावा ओबीसी वर्ग और सामान्य वर्ग के वोटर्स को भी रिझाने का प्रयास किया जाएगा।
बीते चुनाव में रहा था अच्छा प्रदर्शन
पिछले विधानसभा चुनाव में एससी के लिए सुरक्षित इन 35 सीटों में से 18 सीटें कांग्रेस ने जीती थीं वहीं बीजेपी का आंकड़ा 17 सीटों पर जीत का था। दलित वर्ग कांग्रेस के बजाय बहुजन समाज पार्टी और बीजेपी की ओर शिफ्ट होता रहा है। यही कारण है कि दलित सीटों पर पार्टी को जीत दिलाने का जिम्मा अब दिग्विजय सिंह को सौंपा गया है।
यह है कांग्रेस का प्लान
इन सभी सीटों पर दिग्विजय सिंह विधानसभा चुनाव के दावेदारों और पूर्व में चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों के साथ मशवरा करेंगे। मंडलम से लेकर ब्लॉक तक के पदाधिकारियों की बैठक लेंगे। बीते चुनाव में रही कमियों और गलतियों का भी विश्लेषण किया जाएगा। जिन बूथों पर लगातार कांग्रेस हारती चली आ रही है, उन पर भी चर्चा की जाएगी।
बसपा से मिल रही चुनौती
मध्यप्रदेश में खासकर एससी वर्ग के लिए सुरक्षित सीटों में कांग्रेस के लिए बहुजन समाज पार्टी बड़ी चुनौती है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती पहले ही 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव अकेले की दम पर लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं। ऐसे में दलित वोटर्स को न छिटकने दिया जाए, इसके लिए रणनीति बन चुकी है, जिस पर दिग्विजय सिंह अमल करने का प्रयास करेंगे।
बीजेपी की समरसता यात्रा का जवाब
वहीं राजनैतिक पंडित दिग्विजय सिंह के इस प्रयास को बीजेपी की समरसता यात्रा और सागर में बन रहे संत रविदास मंदिर के जवाब में की जाने वाली कवायद मान रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी स्वयं सागर पहुंचकर रविदास मंदिर की आधारशिला रख चुके हैं। वहीं इस कवायद में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को मैदान में लाने की तैयारी है। दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले खड़गे पहले 13 अगस्त को बुंदेलखंड के दौरे पर आने वाले थे, पर पीएम को कार्यक्रम के चलते उसे स्थगित कर दिया गया। अब खड़गे 22 अगस्त को बुंदेलखंड पहुंचेंगे।