Sagar. मध्यप्रदेश में एक महिला आईएएस, महिला तहसीलदार और एक कंप्यूटर ऑपरेटर पर चोरी का मामला दर्ज करने के निर्देश बीना की जिला अदालत ने दिए हैं। मामला सात साल पुराना है, जब एक आधार कार्ड सेंटर पर तत्कालीन एसडीएम रजनी सिंह, तहसीलदार मोनिका बाघमारे और कंप्यूटर ऑपरेटर जितेंद्र रैकवार ने दबिश देते हुए सारा सामान जब्त कर लिया था। आरोप है कि पीड़ित को जब्त किया हुआ लैपटॉप वापस ही नहीं किया गया, अलबत्ता कार्रवाई का विरोध करने पर उस पर शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला लाद दिया गया था।
यह है मामला
साल 2016 में बीना के खिमलासा में रहने वाले नंदकिशोर पटवा ग्राम हिरनछिपा में आधार कार्ड सेंटर चलाता था। 23 जुलाई 2016 को तत्कालीन एसडीएम रजनी सिंह, तहसीलदार मोनिका बाघमारे और कंप्यूटर ऑपरेटर जितेंद्र रैकवार उसके घर पहुंचे और घर में रखा लैपटॉप और अन्य सामान जब्त कर लिया था। विरोध करने पर नंदकिशोर पर शासकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज कराया गया। इस कार्रवाई के विरोध में जितेंद्र ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर कलेक्टर और एसपी को भी शिकायत की और जांच की मांग की। फरियादी ने थक हारकर इच्छामृत्यु की भी अनुमति मांग ली थी।
डेढ़ साल बाद मिला सामान
घटना के डेढ़ साल बाद उसे तहसीली से एक चिट्ठी मिली, जिसमें जब्त सामग्री प्राप्त करने कहा गया था। नंदकिशोर जब तहसील दफ्तर पहुंचा तो उसे आइरिश मशीन, फिंगर प्रिंट मशीन और वेब कैमरा तो दे दिया गया लेकिन लैपटॉप गायब था। जानकारी पर पता चला कि लैपटॉप तो कभी नाजरात शाखा में जमा ही नहीं हुआ था। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी निकालने पर भी एसडीएम कार्यालय में कार्रवाई संबंधी कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। जिस पर नंदकिशोर ने अदालत में परिवाद दाखिल किया।
परिवाद पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आईएएस रजनी सिंह, तहसीलदार मोनिका बाघमारे और कंप्यूटर ऑपरेटर जितेंद्र पर धारा 451 और 380 के तहत मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।