वेंकटेश कोरी, JABALPUR. धान खरीदी में हुए फर्जीवाड़े के मुख्य खिलाड़ी फूड कंट्रोलर कमलेश तांडेकर पर एक्शन लेने के बाद सरकार ने एक और बड़े अधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की है। फूड कंट्रोलर को सस्पेंड करने के 24 घंटे भी नहीं बीते कि मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ के प्रबंध संचालक ने एक आदेश जारी कर जिला विपणन अधिकारी रोहित सिंह बघेल को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
धान उपार्जन में फर्जीवाड़ा
1 दिसंबर से शुरू हुए समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की प्रक्रिया में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है, जिसकी शिकायतें प्रदेश सरकार तक भी पहुंची। इसके बाद भोपाल स्तर पर अधिकारियों की टीम जबलपुर पहुंची और ग्रामीण इलाकों में हुए फर्जीवाड़े की जांच की गई। जांच रिपोर्ट तैयार होने के महज कुछ ही घंटों में जबलपुर के फूड कंट्रोलर कमलेश तांडेकर को निलंबित कर दिया गया और अब जिला विपणन संघ के सर्वेसर्वा माने जाने वाले जबलपुर के प्रबंधक जिला विपणन अधिकारी रोहित सिंह बघेल को भी सस्पेंड कर मुख्यालय अटैच कर दिया गया है।
अधिकारियों और 'धन्ना सेठों' की मिलीभगत से हुआ खेल
धान के फर्जी उपार्जन केंद्र बनाकर किसानों से बड़ी मात्रा में धान की खरीदी करने का पूरा खेल बड़े ही शातिर अंदाज में खेला गया। इसमें अधिकारियों और वेयर हाउस के मालिक धन्ना सेठों ने मिलकर पूरी साजिश को इतनी सफाई से अंजाम दिया कि शुरुआती दौर में किसी को कानों-कान खबर ही नहीं हुई, लेकिन एक के बाद एक शिकायतें जब सामने आने लगी तो पूरे गोरखधंधे का भांडा ही फूट गया। जबलपुर में जिस तरह से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा और घपलेबाजी हुई है, उससे जिले से लेकर राजधानी तक में हड़कंप मचा हुआ है और इसकी सिलसिलेवार जांच की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
सरकार का सख्त संदेश
किसानों से सीधे तौर पर जुड़े धान खरीदी की इस प्रक्रिया में जिस तरह से फर्जीवाड़ा हुआ है, उसके खुलासे के तुरंत बाद ही सरकार ने कड़ा एक्शन लेते हुए प्रदेश में सख्त संदेश भी दे दिया है। जबलपुर और आसपास के इलाकों को खेती के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है और हर साल ही उपार्जन की प्रक्रिया में बिचौलिए और दलालों की सक्रियता कुछ ज्यादा ही नजर आती है। ऐसे में प्रदेश में मोहन यादव की सरकार ने लापरवाही के खुलासे के बाद एक के बाद एक 2 बड़े अधिकारियों को निलंबित करके ये जाहिर कर दिया है कि प्रदेश की मोहन सरकार भ्रष्टाचार और जनता से जुड़े कामों में जीरो टॉलरेंस की नीति से कोई समझौता नहीं करेगी।