JAIPUR. तीन दिन तक चली आयकर विभाग की कार्यवाही के बाद श्री सीमेंट ग्रुप के ठिकानाें से करीब 23 हजार करोड़ की आयकर चोरी करने का मामला उजागर हुआ है। आयकर विभाग ने बड़ी मात्रा में दस्तावेज भी जब्त किए हैं। सूत्र बताते हैं कि ग्रुप ने हर साल लगभग 1200 से 1400 करोड़ रुपए के टैक्स चोरी की है। जांच में यह भी सामने आया कि सरपंच, ग्राम पंचायत स्थानीय निकाय से किए फर्जी एग्रीमेंट से केन्द्र और राज्य सरकार को बड़ा चूना लगाया गया है।
तीन दिन पहले हुई रेड
तीन दिन पहले जयपुर आयकर विभाग की टीम ने श्री सीमेंट के 24 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे थे। यह छापेमारी जयपुर, ब्यावर, उदयपुर, अजमेर और चित्तौड़गढ़ में की गई। इस रेड में 200 से ज्यादा आयकर अधिकारी और पुलिसकर्मी शामिल किए गए थे। छापे के दाैरान सीमेंट के लिए खरीदे जाने वाले कोयले और उसके लिए किए गए भुगताम में भारी अनियमितता सामने आई। बताया जा रहा है कि आयकर विभाग ने छापेमारी की कार्रवाई से पहले नई तकनीक और सॉफ्टवेयर की मदद से यह चोरी पकड़ी है।
संपर्क में नहीं हैं श्री सीमेंट के जिम्मेदार
ग्रुप के मेंबर्स से जब इस मामले में पूछताछ की गई तो उन्होंने इस संबंध में जानकारी होने से इनकार कर दिया। वहीं ग्रुप के चेयरमैन एचएन बांगड़ और वाइस चेयरमैन प्रशांत बांगड़ छापेमारी के बाद से बाहर निकल गए हैं। ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट अरविंद खींचा को भी छापेमारी के दौरान कई बार पूछताछ के लिए बुलाया गया, लेकिन वह भी आयकर अधिकारियों के सामने नहीं आए। मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज अखोरी, डायरेक्टर नितिन देसाई, डायरेक्टर श्रीकांत सोमानी और सीईओ सुभाष जाजू से भी आयकर अधिकारियों का कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है।
अन्य कंपनियां भी रडार पर
आयकर विभाग जल्द ही रियल स्टेट, माइंस और अन्य बड़े व्यापारियों पर भी रेड कर सकती है। इसमें विभाग के पास मौजूद सॉफ्टवेयर के माध्यम से अधिकारी कुछ ही दिनों की एक्सरसाइज में पता कर लेते हैं कि कंपनी के जरिए सरकार को कितनी राजस्व हानि पहुंचाई जा रही है। मौजूदा समय में आयकर विभाग के पास कई ऐसी रिपोर्ट हैं जिनके आधार पर वह चुनिंदा कंपनियों पर एक्शन ले सकती हैं।