संजय गुप्ता, INDORE. भूमाफिया दीपक मद्दा उर्फ दिलीप सिसौदिया के साथ सुरेंद्र संघवी और उनके बेटे प्रतीक संघवी पर हुए ईडी छापे के बाद अब उनके करीबी और जमीन के सौदों में जुड़े लोगों की संपत्तियों के अटैचमेंट की तैयारी शुरू हो गई है। ईडी ने अब मजदूर पंचायत सोसायटी की पुष्पविहार कॉलोनी में जमीन खरीदने वाले भूमाफिया केशव नाचानी उर्फ हनी, उनके बेटे कमल नाचानी की कंपनी जीनेक्स्ट ट्रेडिंग कंपनी, रिश्तेदार ओमप्रकाश वाधवानी उर्फ टनी के साथ ही मद्दा के रिश्तेदार मौसा अशोक पिपाडा, मद्दा की पत्नी समता जैन की कंपनी समता रियलटी की प्रॉपर्टी की खरीदी-बिक्री पर रोक लगा दी है। ईडी दीपक मद्दा के नाम पर जितनी भी संपत्तियां है उन्हें पहले ही चिन्हित कर खरीदी-बिक्री पर एक माह पहले ही रोक लगा चुका है।
ईडी ने इन संपत्तियों को कर दिया है चिन्हित
- ईडी ने केशव नाचानी उर्फ हनी के बेटे कमल नाचानी की संपत्तियों में बिचौली हप्सी के बिचौली मर्दाना के सर्वे नंबर 10/3/2 (0.092 हेक्टेयर), 10/3/3 (0.086), 10/3/4 (0.086), 10/3/8 (0.092) की संपत्तियों पर रोक लगा दी है। यह संपत्तियां मेसर्स जीनेक्स्ट ट्रेडिंग कंपनी प्रालि तर्फे डायरेक्टर कमल कुमार पिता केशवकुमार नाचानी, उषानगर के नाम पर है।
नाचानी ले चुका है पिंटू छाबड़ा का नाम
नाचानी मजदूर पंचायत की खरीदी गई जमीन को लेकर पिंटू छाबडा के खिलाफ बयान ईडी में दे चुका है। दरअसल इस सौदे की वजह पिंटू छाबडा ही थे। नाचानी ने होटल रेडिसन के सामने की जमीन का सौदा बिल्डर चुग से किया था, लेकिन बाद में छाबडा ने नाचानी से कहा कि वह इससे कम दाम में दूसरी जमीन दिलवा देंगे, यह जमीन उन्हें दे दो। नाचानी को फिर नसीम हैदर जो मजदूर संस्था में था, यह संस्था दीपक मद्दा के कब्जे में थी क्योंकि इसमें दीपेश वोरा जो मद्दा का रिश्तेदार है और कमलेश जैन जो मद्दा का भाई है, दोनों काबिज थे। नाचानी सौदे के लिए तैयार हो गए और उन्होंने नसीम हैदर से अप्रैल 2006 में यहां जमीन ले ली। साथ ही उनके रिश्तेदार ओमप्रकाश धनवानी ने भी जमीन खरीद ली। इसी जमीन में अब दोनों उलझ गए हैं। जिसे लेकर नाचनी, धनवानी के बयान ईडी पहले ही रिकार्ड पर ले चुकी है। पीएमएलए एक्ट की धारा 50 के तहत दिए गए बयान ही अपने आप में सबूत होते हैं।