संजय गुप्ता, INDORE. ED (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा उद्योगपति कैलाश गर्ग और भूमाफिया चंपू अजमेरा के यहां बुधवार को छापे मारे थे। द सूत्र ने ही सबसे पहले इसका खुलासा किया था कि ये पूरा मामला 110.50 करोड़ के बैंक लोन घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसमें सीबीआई ने एफआईआर 2020 में ही दर्ज कर ली थी। ईडी की जांच इसी मामले में है, जिसमें गर्ग और उनकी कंपनियों ने मिले बैंक लोन को अन्य कंपनियों में शिफ्ट कर खेल कर दिया। गिरवी रखी इसी जमीन पर प्लॉटिंग कर चंपू अजमेरा पहले ही प्लॉट बेच चुका था। ईडी ने यही जानकारी प्रेस रिलीज में भी जारी की है।
ईडी ने 11 ठिकानों पर मारे छापे
ईडी ने बताया कि मनी लाण्ड्रिंग एक्ट के तहत मैसर्स नारायण निर्यात इंडिया प्रालि और अन्य के मामले में 31 जनवरी को मप्र के इंदौर, जावरा, मंदसौर और महाराष्ट्र के अकोला में 11 ठिकानों पर सर्च कर तलाशी अभियान चलाया गया। इसमें मेसर्स नारायण निर्यात समूह की कंपनियों के व्यावसायिक परिसरों और कंपनी के डायरेक्टरों के ठिकानों को शामिल किया गया (इसी समूह की एक कंपनी में चंपू अजमेरा और योगिता अजमेरा भी डायरेक्टर रहे हैं)।
आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं, जब्त किए
ईडी ने बताया कि सर्च के दौरान परिसरों से विविध आपत्तिजनक दस्तावेज, समूह की कंपनियों के बही खाते और अचल-चल संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। इन्हें जब्त किया गया है। कंपनी और उनके डायरेक्टरों के खिलाफ सीबीआई भोपाल में केस है, इसी आधार पर ये जांच शुरू की गई है।
3 बैंकों से लिया था 110.50 करोड़ का लोन
ईडी ने बताया कि कंपनी ने साल 2011 से 2013 के दौरान मेसर्स नारायण निर्यात इंडिया प्रालि एमपी और उसके डायरेक्टरों द्वारा यूको बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक जिसका अब विलय यूनियन बैंक में हैं और पंजाब नेशलन बैंक से कुल 110.50 करोड़ का बैंक लोन लिया था।
कंपनी ने केवल 63 लाख लौटाए, 109.87 करोड़ खा गए
कंपनी ने बैंकों को केवल 63 लाख लौटाए और लोन की राशि में से 109.87 करोड़ रुपए नहीं चुकाए। बैंक लोन जिस काम के लिए लिया था वो किया ही नहीं। लोन के लिए फर्जी खाते खुलवाए गए। बैंकों को धोखा दिया और सिस्टर कंसर्न कंपनियों पद्मावती ट्रेडिंग, मंदसौर सेल्स कॉर्पोरेशन, रामकृष्ण सॉल्वेक्स और धौलतवाला एक्जिम प्रालि को बिना किसी माल का लेनदेन किए भेज दिया। साथ ही बैंकों के पास गिरवी रखी संपत्तियों का कुछ हिस्सा बिना बैंक को सूचना के तीसरे पक्ष को बेच दिया।