याज्ञवल्क्य मिश्रा, Raipur. कोयला घोटाला और अवैध वसूली मामले में गिरफ्तार आईएएस अधिकारी रानू साहू को लेकर ईडी ने कोर्ट से कहा है कि रानू से पूछताछ करनी जरुरी है, ताकि सिंडिकेट के अन्य सदस्यों के द्वारा जो व्यापक षड्यंत्र रचा गया है, उसकी जांच हो सकें। ईडी ने कहा कि यह इसलिए भी बेहद जरुरी है क्योंकि कोयला घोटाला और अवैध वसूली मामले में रानू का उन संदेहियों से आमना-सामना कराना है, जिनका हालिया दिनों में जांच के बाद नाम सामने आया है।
ईडी ने कोर्ट से ये कहा
रायपुर स्पेशल कोर्ट में ईडी ने रिमांड पत्र में वह ब्यौरा फिर से दिया है कि आखिर यह कोयला घोटाला और अवैध वसूली कैसे की गई। ईडी ने कोर्ट को आईएएस रानू को लेकर बताया है। “रानू साहू को सिंडिकेट ने 5.52 करोड़ रुपए दिए थे। सिंडिकेट ने यह पैसा रानू साहू को सिंडिकेट में सक्रिय सदस्य के रुप में काम करने के एवज में दिए थे। रानू को सिंडिकेट में सूर्यकांत तिवारी के बराबर का ओहदा रखती थीं। ईडी ने रिमांड नोट के क्रमांक दस में यह उल्लेख किया है कि आईएएस रानू साहू और सूर्यकांत तिवारी के बीच बेहद करीबी संबंध थे।”
ईडी का दावा झूठ बोलती रही रानू
प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि ईडी से पूछताछ में रानू लगातार टालमटोल करती रहीं और झूठ बोलीं। ईडी ने कोर्ट को बताया कि “ईडी ने 11/10/2022 को रायगढ़ कलेक्टर रानू के शासकीय निवास पर सर्च ऑपरेशन किया था, लेकिन कलेक्टर निवास में ताला बंद था। कलेक्टर छुट्टी पर हैं या दौरे पर हैं इसे लेकर भी कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं था। रायगढ़ कलेक्टर का शासकीय निवास ईडी ने सील कर दिया। 14/10/2022 को रानू ने सूचित किया कि वे आ चुकी हैं। ईडी फिर उनके निवास कार्यालय पहुंची, जहां ईडी ने पाया कि उन्होंने रेडिमी का नया फोन रखा है। रेडिमी के उस फोन में 14 अक्टूबर 2022 से पहले का डाटा नहीं था। रानू ने पुराना फोन गुम जाना/चोरी हो जाना बताया, जबकि ईडी ने कॉल रिकॉर्ड के जरिए यह दावा किया है कि रानू झूठ बोल रही थीं। रानू ने पुराना फोन जो कि आईफोन था, उससे आखिरी कॉल 11 अक्टूबर 2022 सुबह साढ़े आठ पर किया था। यह वही समय था जबकि ईडी की टीम कलेक्टर बंगले पर सर्च करने पहुंची हुई थी। रानू ने 13 अक्टूबर को रायगढ कोतवाली में मोबाइल चोरी की सूचना दी। ईडी का आरोप है कि रानू यह नहीं बता पाईं कि आखिर उनका फोन कहां और कैसे गुम हुआ।
नवनीत तिवारी की रजिस्टर में एंट्री
ईडी ने रिमांड नोट में बताया है कि ईडी ने नवनीत तिवारी को लेकर जब रानू से पूछताछ की तो रानू ने ऐसे किसी व्यक्ति को जानने से साफ इंकार कर दिया। ईडी ने तब कलेक्टर आवास के विजिटर रजिस्टर को दिखाया जिसमें नवनीत का नाम दर्ज था। ईडी ने कोर्ट से कहा है कि जब रजिस्टर दिखाकर पूछताछ की गई तो वे टालने लगीं। ईडी के अनुसार नवनीत तिवारी कोयला मामले के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी का रिश्तेदार है और सिंडिकेट में यह रायगढ़ में जिला प्रशासन का सहयोग लेकर वसूली करता था और संचालन भी करता था।
रानू को व्हाट्सएप चैट दिखाई गई
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि रानू के बेहद करीबी अंतरंग संबंध सूर्यकांत तिवारी से थे। रानू को जब सूर्यकांत से जुड़े अन्य अभिलेख और व्हाट्सएप चैट दिखाए गए तो वे जवाब देने के बजाय टाल मटोल करने लगी।
डीएमएफ का भी जिक्र
ईडी के रिमांड पत्र में रजनीकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर के रिकॉर्डेड कथन का उल्लेख है। इसके अनुसार रानू सिंडिकेट में सूर्यकांत तिवारी के बराबर अहद रखती थीं। ईडी ने निकुल पटेल के कथन का जिक्र किया है, जिसमें उसने बताया है कि उसे डीएमएफ के अंतर्गत तब दो ठेके मिले थे। जबकि रानू कोरबा कलेक्टर थी। उसको काम तब ही मिला जबकि टेंडर राशि का दस फीसदी सूर्यकांत को कमीशन दिया, सूर्यकांत ने आश्वासन दिया कि वह कलेक्टर मैडम से काम करवा देगा।