NEW DELHI. ऑनलाइन सट्टेबाजी के अड्डे महादेव सट्टा एप के मालिक सौरभ चंद्राकर पर ईडी ने उसके दुबई स्थित ठिकाने पर कार्रवाई की है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भारतीय जांच एजेंसी ईडी के अनुरोध पर दुबई की सरकारी एजेंसी ने उसके फ्लैट पर कार्रवाई की है। इन रिपोर्ट्स में बताया गया है कि सौरभ के फ्लैट को सील कर दिया गया है और उसे बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (RCN)
पर कार्रवाई की गई है।
जल्द भारत लाने का प्रयास
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भारतीय जांच एजेंसियां प्रयास कर रही हैं कि ऑनलाइन सट्टेबाजी के अड्डे महादेव सट्टा एप के मालिक सौरभ चंद्राकर का जल्द से जल्द भारत लाया जा सका। दुबई की सरकारी एजेंसी के सहयोग से उसके फ्लैट को सील करने और उसको नजरबंद करने की कार्रवाई ईडी के लिए बड़ी सफलता है।
एक साथी पकड़ा जा चुका है
ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप महादेव के दो मुख्य मालिकों में से एक रवि उप्पल को दुबई में हिरासत में ले लिया गया था। दूसरे आरोपी सौरभ चंद्राकर की तलाश जारी है। दरअसल रवि के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। भारत में बैन होने की वजह से रवि और सौरभ दुबई में इस ऐप को चलाते थे।
पहले ये काम करते थे सौरभ और रवि
सौरभ छत्तीसगढ़ का रहने वाला है। वह रायपुर में रहकर जूस सेंटर चलाता था। इसके बाद वह सट्टेबाजी में शामिल हुआ। दावा किया जाता है कि सौरव और रवि के पास 6000 करोड़ से ज्यादा है।
भारत में बैन है महादेव ऐप
महादेव बुक ऐप सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है। महादेव ऑनलाइन बुक पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम, क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल ,समेत कई अन्य पर सट्टेबाजी जैसे लाइव गेम में सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म देता है। हालांकि इसे भारत में पूरी तरह से बैन कर दिया गया है।
ईडी ने 14 लोगों को बनाया है आरोपी
बता दें, सौरभ चंद्राकर और रवि ने एक बयान में महादेव ऐप और सट्टेबाजी घोटाले में शामिल होने से साफ इनकार किया है। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी शुभम सोनी पर डाल दी। दुबई में बैठे प्रमोटर्स पर 60 से ज्यादा अवैध ऑनलाइन बेटिंग ऐप के जरिए घोटाले को अंजाम देने का आरोप है। ईडी ने दावा किया कि ये तकरीबन 6 हजार करोड़ का घोटाला है। इस मामले में ईडी ने 14 लोगों को आरोपी बनाया है। इस लिस्ट में रवि, सौरभ चंद्राकर, अनिल दम्मानी, नीरज आहूजा, विकास छाबडि़या,पवन नत्थानी, चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, सुनिल दम्मानी, विशाल आहूजा, सृजन एसोसिएट के संचालक पूनाराम वर्मा, शिवकुमार वर्मा और यशोदा वर्मा के नाम शामिल है।