BHOPAL. मध्यप्रदेश में एक बार फिर लंपी वायरस का असर देखने को मिला है। बीते साल राजस्थान में इस वायरस से हजारों मवेशियों की जान गई थी। जबकि मध्यप्रदेश में 376 मवेशियों में वायरस की पुष्टि हो पाई थी, हालांकि इस बार राजधानी भोपाल के कोतवाली थाना इलाके में एक बछड़े के शरीर पर गांठें दिखने के बाद पशुपालन विभाग अलर्ट हो गया है।
अन्य मवेशियों से आइसोलेट किया गया
लंपी के लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सकों ने बछड़े को अन्य मवेशियों से आइसोलेट कर दिया है। बछड़े की उम्र डेढ़-2 साल के आसपास है। चार-पांच दिन सुस्त और बीमार रहने के बाद उसके शरीर पर गांठें दिखाई देने लगी थीं। फिलहाल बछड़े का सैंपल लिया गया है और आवश्यक दवाएं भी दी गई हैं।
35 हजार मवेशियों को लगाया था वैक्सीन
बता दें कि बीते साल इस बीमारी ने काफी कहर ढाया था, जिसे देखते हुए पशुपालन विभाग ने टीकाकरण भी किया था। विभाग की मानें तो बीते साल 35 हजार मवेशियों को ही वैक्सीन लगाए जा पाए थे। जबकि अकेले भोपाल में 1.20 लाख मवेशी हैं। हर्ड इम्युनिटी के लिए करीब 70 फीसदी मवेशियों को वैक्सीन लगना जरूरी है।
सभी क्षेत्रों से मंगाई जा रही रिपोर्ट
बछड़े में लंपी के लक्षण दिखने के बाद पशु चिकित्सा सेवाओं के उपसंचालक डॉ अजय रामटेके ने बताया कि गांठें लंपी की ही हैं। वेटरनरी डॉक्टरों की टीम लगाकर इसे सर्च कराया जाएगा और जांच कराई जाएगी। सभी क्षेत्रों से रिपोर्ट तलब की गई है। जो जानवर संक्रमित मिलेंगे उनका इलाज कराया जाएगा। अन्य मवेशियों को वैक्सीन लगाई जाएगी। पशुपालक इस दौरान काफी सतर्कता बरतें। संक्रमण के लक्षण दिखने वाले मवेशियों को अलग-थलग करें। मवेशियों को आवारा छोड़ना भी इस समय अच्छा नहीं होगा।
ये हैं लक्षण
लंपी वायरस के अटैक करते ही मवेशी खाना-पीना छोड़ देते हैं, सुस्ती सी छाई रहती है। करीब 4 से 5 दिन बाद पशुओं में छोटी बड़ी गांठें उभरने लगती हैं। इलाज के अभाव में पशुओं की मौत भी हो जाती है। यह वायरस जनित संक्रामक रोग है जो एक पशु से अन्य पशुओं में फैलता है।