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RAIPUR. छत्तीसगढ़ की सबसे बड़े यूनिवर्सिटी पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में इस साल चौंकाने वाला परिणाम आया है। कोरोना के कारण तीन साल बाद पं. रविशंकर विश्वविद्यालय से जुड़े 150 से ज्यादा कॉलेजों में ऑफलाइन परीक्षा हुई, जिसका असर छात्रों के पढ़ाई पर हुआ है। इस साल यूजी के 80 फीसदी बच्चे फेल हो गए हैं। जारी परीक्षा परिणाम में इस बार 1700 परीक्षार्थी को शून्य नंबर मिले हैं, इन्हें किसी न किसी विषय में जीरो अंक मिले हैं।
रविवि के 1700 छात्रों को शून्य
दूसरी ओर करीब डेढ़ लाख छात्रों ने केंद्र में परीक्षा दी, जिसका असर रिजल्ट पर नजर आने लगा है। बीए, बीकॉम, बीएससी, बीसीए जैसे ग्रेजुएशन कोर्स में आधे से ज्यादा छात्र फेल हुए हैं। पीजी में भी फेल होने वालों की संख्या ज्यादा है। जबकि पिछले साल ऑनलाइन परीक्षा में यूजी और पीजी, दोनों कक्षाओं में 95 फीसदी छात्र पास हुए थे और ज्यादातर फर्स्ट डिवीजन थे। वहीं रविवि के बच्चे दो विषयों में फेल हुए हैं। इस कारण नियम के अनुसार इनको पूरक परीक्षा देने तक का भी मौका नहीं मिल रहा है। अगर ये एक विषय में फेल हुए होते तो पूरक परीक्षा देकर अगली क्लास में बढ़ जाते। इसलिए अब छात्रों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर दो विषयों में पूरक परीक्षा दिलाने की अनुमति के लिए ज्ञापन दिया है। इसके साथ छात्रों ने कुलपति को भी एक ज्ञापन सौंपा है।
कॉपियों में दिखी छात्रों की लापरवाही
मूल्यांकनकर्ता के अनुसार छात्रों की लिखने की क्षमता बिल्कुल कम हो गई है। यही नहीं, सवाल कुछ पूछा गया है और जवाब कुछ लिख रहे हैं। मनगढ़ंत कहानियां लिखी हैं, कुछ भी लिखकर निकल गए हैं। इन्हें जीरो नहीं देते तो और क्या देते? कॉपियों में छात्रों की लापरवाही साफ देखी गई। बताया गया कि आंसरशीट में छात्रों के अजीबोगरीब जवाबों से जांचकर्ताओं को शून्य अंक देने पर विवश होना पड़ा। रविवि के कुलपति डॉ. शैलेंद्र पटेल के अनुसार इस साल वार्षिक परीक्षा का रिजल्ट काफी कमजोर रहा। सैकड़ों छात्रों को शून्य नंबर मिलने की बात आई है। हालांकि कुछ छात्रों ने शिकायत की कि बहुत अच्छा लिखा था, फिर भी जीरो दे दिया। इनकी कॉपियों की रेंडम जांच कर रहे हैं। इसके बाद कुछ जानकारी मिलेगी।
इन विषयों में मिले सबसे ज्यादा शून्य नंबर
- बीए : अर्थशास्त्र, पर्यावरण अध्ययन, अंग्रेजी, हिंदी, इतिहास, पॉलिटिकल साइंस, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र।