मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में कांग्रेस के टिकट वितरण का एकमात्र पैमाना प्रत्याशी का जिताऊ होना रहेगा। इसके साथ ही यदि कोई दावेदार पहले से निर्वाचित है यानी स्थानीय निकायों या पंचायतों में प्रतिनिधि है तो वो भी टिकट के लिए दावा कर सकेगा। सीएम अशोक गहलोत ने चुनाव समिति की बैठक के बाद ये बात कही।
सीएम बोले- 'जिताऊ ही पहला और आखिरी मापदंड'
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि जहां प्रत्याशी मिलना संभव ना हो पा रहा हो, वहां स्थानीय निकाय, पंचायत प्रतिनिधियों, महापौर आदि भी टिकट के लिए क्लेम कर सकते हैं। जिनकी लोकप्रियता होगी, उन्हें मौका दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव में टिकट वितरण के लिए कोई एकमात्र मापदंड जिताऊ होना है। यही पहला और आखिरी मापदंड होगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में हाल ही में एक 90 साल के प्रत्याशी जीतकर आ गए। इसलिए सिर्फ जिताऊ ही मापदंड होगा।
हारे या ज्यादा उम्र के प्रत्याशियों को भी मिलेगा टिकट
सीएम गहलोत के इस बयान ने ये साफ कर दिया कि पार्टी इस बार 2 बार के हारे या ज्यादा उम्र के लोगों को भी टिकट देने से पीछे नहीं हटेगी। इसके अलावा 50 प्रतिशत युवाओं को टिकट देने का जो फॉर्मूला उदयपुर चिंतन शिविर में तय किया गया था, उसे भी जरूरत पड़ी तो भुला दिया जाएगा। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को मौका देने की बात भी इसी का हिस्सा है, क्योंकि आमतौर पर यदि कोई नेता या कार्यकर्ता किसी निकाय या पंचायत में जनप्रतिनिधि होता है तो पार्टी उसे एक तरफ कर देती है, लेकिन इस बार उन्हें भी मौका दिया जा रहा है। यानी पार्टी का एकमात्र मकसद सत्ता में लौटना है।
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सीएम बोले- 'बीजेपी को सिर्फ RSS का सहारा'
सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी पर भी हमला किया और कहा कि बीजेपी वाले सिर्फ लफ्फाजी करते हैं। ना उनकी बूथ कमेटियां हैं और ना पन्ना प्रमुख। उनके पन्ना प्रमुख सिर्फ पन्नों यानी कागजों में हैं। इन्हें सिर्फ RSS वालों का साथ मिलता है, वरना बीजेपी में खुद में कोई दम नहीं है।