प्रदीप अगाल, KUKSHI. धार जिले की कुक्षी तहसील के निसरपुर में जनजातीय विभाग के विकास खंड शिक्षा कार्यालय में एक करोड़ 18 लाख से अधिक के घोटाले का खुलासा हुआ। जिसमें घोटाले के मास्टरमाइंड बाबू काशीराम एस्के उसकी पत्नी और दो अन्य कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। घोटाले में आरोपियों से करीब 64 लाख रुपए की वसूली भी कर ली गई। विभाग में अकाउंटेंट का काम भी करने वाले इस बाबू ने विभागीय कर्मचारियों के पिछले चार साल के वेतन, एरियर और अन्य भत्तों को अपने, अपनी पत्नी और दो अन्य साथी कर्मचारियों के खातों में ट्रांसफर कर घोटाले को अंजाम दिया। जिले के आला विभागीय अफसरों का कहना है कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बाबू काशीराम ने पत्नी और दो अन्य कर्मियों के खाते में की राशि ट्रांसफर
जनजातीय विभाग के कुक्षी स्थित निसरपुर विकासखंड शिक्षा कार्यालय के बाबू (सहायक ग्रेड-3) काशीराम एस्के ने कार्यालय से संबद्ध कर्मचारियों के वेतन, एरियर, कार्यालय व्यय एवं अन्य भत्तों को आरोपियों के खाते में ट्रांसफर कर दिया। बाबू काशीराम ने इस राशि को अपनी पत्नी अंतिम एस्के (छात्रावास अधीक्षिका, प्राथमिक शिक्षक), सुरेश भूरिया (सहायक ग्रेड-3, कार्यालय परियोजना प्रशासक एकीकृत जनजातीय कार्य परियोजना) और बापू सिंह जमरा (प्राथमिक शिक्षक) के खातों में अलग-अलग ट्रांसफर कर दिया। यह राशि एक करोड़ 18 लाख, 23 हजार रुपए आंकी गई है।
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आरोपियों से अब तक 64 लाख की रिकवरी
जानकारी के अनुसार निसरपुर विकास खंड शिक्षा कार्यालय के बाबू काशीराम मुख्य आरोपी समेत चारों कर्मचारियों को घोटाले के सामने आने के बाद सस्पेंड कर दिया गया और अटैच कर दिया गया है। इसके बाद विभाग के अफसरों ने अब तक 64 लाख रुपए की रिकवरी भी कर ली है।
मुख्य आरोपी ने वास्तविक कर्मचारियों की राशि अपनों के खातों में ट्रांसफर की
यह मामला वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक की अवधि का बताया जा रहा है। जिसमें निसरपुर के विकासखंड शिक्षा कार्यालय से जुड़े कर्मचारियों के वेतन, एरियर, ई-चालान भुगतान, अवकाश, नगदीकरण, मानदेय आदि मदों की एक करोड़ 18 लाख 23 हजार रुपए की राशि काशीराम ने घोटाला कर दिया। यह राशि वास्तविक कर्मचारियों के खातों में ऑनलाइन जमा करने के वजाय साजिश में शामिल पत्नी और दो अन्य कर्मियों के खातों में ट्रांसफर कर दी।
लापरवाही करने वाले अन्य कर्मचारियों के खिलाफ भी होगी कार्रवाई
जनजातीय विभाग के सहायक आयुक्त बृजकांत शुक्ला ने बताया कि गड़बड़ी की शंका के चलते जांच की जा रही है। इस दौरान कई अलग-अलग नामों के साथ एक ही अकाउंट नंबर सामने आया। जिस पर संदेह होने से जांच की गई और जिसके बाद पूरे घटनाक्रम का खुलासा हुआ। इसके बाद धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा द्वारा शासकीय राशि में हेर-फेर करने वाले अकाउंटेंट काशीराम एस्के उनकी पत्नी एवं दो अन्य कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। इन सभी से रिकवरी भी की जा रही है। अभी तक 64 लाख रुपए की रिकवरी हो चुकी है। इस केस में इन आरोपियों के अलावा भी लापरवाही बरतने वाले अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, इस मामले में निसरपुर के विकासखंड शिक्षा कार्यालय के बीएलओ हीरालाल निगवाल कुछ भी बताने से कतरा रहे हैं।