संजय गुप्ता. INDORE. कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) के 36985 पदों पर रिजल्ट के लिए रूके हुए 15 लाख उम्मीदवारों का इंतजार खत्म होने जा रहा है। जीएडी ने इन रिजल्ट को 87-13 फीसदी फार्मूले से जारी करने की औपचारिक मंजूरी दे दी है और मंडल को इसका पत्र मिल गया है। इसके बाद रिजल्ट बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। कोशिश की जा रही है कि जनवरी अंत से ही एक-एक कर रिजल्ट जारी करने शुरू दिए जाएं। अगर थोड़ा टाइम लगा भी तो फरवरी के पहले सप्ताह तक रिजल्ट आ जाएंगे। उच्च अधिकारियों ने द सूत्र को इसकी औपचारिक पुष्टि कर दी है।
आठ माह से रूके हुए हैं रिजल्ट
करीब आठ माह से रुके हुए रिजल्ट को लेकर 15 लाख अभ्यर्थी अधऱ् में लटके हुए हैं। इन्हीं परीक्षाओं आठ हजार से ज्यादा चयनित पटवारी भी है जो रिजल्ट के जांच घेरे में आने के बाद से ही नियुक्ति के लिए अटक गए हैं। इनसे मानसिक रूप से परेशान हो चुके उम्मीदवारों ने इच्छामृत्यु तक का सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू कर दिया था।
इन पदों के रुके हुए हैं रिजल्ट
1-ग्रुप टू सब ग्रुप 4 पटवारी- 9073 पद - मार्च-अप्रैल 2023 में परीक्षा- (रिजल्ट निकला लेकिन जांच के चलते भर्ती रोक दी)
2-वन रक्षक- 1772 पद- मई-जून 2023 में परीक्षा- रिजल्ट नहीं
3- ग्रुप 5- 4792 पद- जून 2023 में परीक्षा- रिजल्ट नहीं
4-ग्रुप 4- 3047 पद- जुलाई में परीक्षा- रिजल्ट नहीं
5-ग्रुप वन सब ग्रुप वन- 1978 पद- जुलाई में परीक्षा- रिजल्ट नहीं
6-एचएसटीएसटी (वर्ग1 )- 8720 पद- अगस्त में परीक्षा- रिजल्ट नहीं
7-पुलिस कांस्टेबल- 7090 पद- रिजल्ट नहीं
इस विवाद के कारण रूके हुए हैं रिजल्ट
कर्मचारी चयन मंडल ने 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के साथ भर्ती प्रक्रिया शुरू की लेकिन अगस्त 2023 में हाईकोर्ट ने आरक्षण सीमा 50 फीसदी से ज्यादा होने पर लगी आपत्ति पर सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश दिया कि ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी पर ही रिजल्ट जारी किया जाए, 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर नहीं। इसके बाद से ही परीक्षाओं के रिजल्ट होल्ड हो गए।
अब 87-13 फीसदी के फार्मूले से रिजल्ट जारी करने पर बनी है सहमति
द सूत्र की लगातार मुहिम के बाद कर्मचारी चयन मंडल और सामान्य प्रशासन विभाग के बीच बैठक में कुछ दिन पहले सहमति बनी थी कि रूके हुए रिजल्ट 87-13 फीसदी फार्मूले से जारी किए जाएं। यानि 87 फीसदी पदों पर अंतिम रिजल्ट जारी कर दि जाएंगे और 13 फीसदी पदों को ओबीसी आरक्षण विवाद सुलझने पर बाद में जारी किया जाएगा, कोर्ट फैसले से ही तय होगा कि यह पद अनारक्षित कैटेगरी के पास जाएंगे या फिर ओबीसी के पास। इससे कम से कम 36985 पदों में से 87 फीसदी पदों के रिजल्ट तो जारी होकर नियुक्ति हो सकेगी।
क्या फायदा होगा इससे
इससे यह फायदा होगा कि रुके हुए 36985 पदों में से 87 फीसदी पद यानि 32 हजार से ज्यादा पर अंतिम रिजल्ट जारी हो जाएंगे और युवाओं को भर्ती मिल सकेगी। बाकी पांच हजार पद करीब प्रोवीजनल रिजल्ट के खाते में चले जाएंगे और कोर्ट के अंतिम आदेश के बाद तय होगा कि यह पद ओबीसी खाते में जाएंगे या फिर अनारक्षित कैटेगरी के उम्मीदवारों के खाते में।