राजस्थान में अधिशासी अधिकारी परीक्षा में OMR शीट बदलने के मामले में शक के घेरे में कुमार विश्वास की पत्नी डॉ. मंजू शर्मा

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Rahul Garhwal
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राजस्थान में अधिशासी अधिकारी परीक्षा में OMR शीट बदलने के मामले में शक के घेरे में कुमार विश्वास की पत्नी डॉ. मंजू शर्मा

JAIPUR. राजस्थान में अधिशासी अधिकारी (ईओ) परीक्षा में ओएमआर शीट बदलवाने के मामले में एक नया और बड़ा नाम सामने आया है। इस मामले में परिवादी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में दी गई अपनी शिकायत में राजस्थान लोक सेवा आयोग की सदस्य डॉ. मंजू शर्मा का नाम भी लिखा है। डॉ. मंजू शर्मा देश के प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास की पत्नी हैं। इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की जांच जारी है और कहा जा रहा है कि जांच के बाद ही साफ होगा कि मंजू शर्मा की इस मामले में कोई भूमिका है या नहीं।



आरोपियों ने मंजू शर्मा का नाम लेकर मांगे थे पैसे



भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इस मामले में एक परिवाद पर कार्रवाई करते हुए राजस्थान के कांग्रेस नेता गोपाल केसावत और अन्य 3 लोगों को 18.50 लाख रुपए की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया था। अब सामने आया है कि इस मामले  में परिवादी ने अपने लिखित परिवाद में कहा है कि आरोपियों ने मंजू शर्मा का नाम लेकर उससे पैसे मांगे थे।



परिवाद में क्या कहा है ?



मुख्य परिवादी एडवोकेट हरदीप सिंह सुंदरिया और दूसरे परिवादी सुंदर ने एसीबी सीकर को 7 जुलाई 2023 को लिखित में परिवाद पेश किया, जिसमें बताया कि भर्ती मैरिट में लाने के लिए आरोपी अनिल कुमार धरेन्द्र निवासी हनुमानगढ़ ने आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा और आरपीएससी चेयरमैन के नाम से ये कहकर रुपए मांगे कि ये दोनों 40 लाख रुपए लेंगे। 25 लाख रुपए पहले और शेष 15 लाख रुपए भर्ती के बाद लेंगे। इसके बदले में अभ्यर्थी विकास को मैरिट में लाकर ईओ के पद पर नौकरी लगवा देंगे।



ACB की जांच के बाद होगा खुलासा



उधर एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने आरोपी केसावत औरन्य की गिरफ्तारी के 18 घंटे बाद मंजू शर्मा सहित सभी आरपीएससी सदस्य, अधिकारी औरर्मचारियों की भूमिका नहीं होने का दावा किया है। हालांकि साथ ही ये भी कहा है कि एसीबी इस मामले में सभी आरोपियों  मोबाइल की कॉल डीटेल और चैट की जांच कर रहा है और इसके बाद ही साफ होगा कि जिनके नाम लिए गए हैं, वे लिप्त हैं या नहीं। अहम बात ये भी है कि एसीबी ने आरोपियों को रिमांड पर लेने की बजाय न्यायालय के जरिए जेल भिजवा दिया।



मंजू शर्मा की नियुक्ति पर उठे थे सवाल



मंजू शर्मा की 3 साल पहले अक्टूबर 2020 में राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में नियुक्ति हुई थी। उस समय उनके साथ 3 और सदस्य संगीता आर्य, बाबूलाल कटारा और जसवंत राठी नियुक्त किए गए थे। संगीता आर्य राजस्थान के पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य की पत्नी हैं, वहीं जसवंत राठी पत्रकार हैं। बाबूलाल कटारा हाल में  पेपर लीक मामले में लिप्त पाए गए हैं। जिस समय मंजू शर्मा की नियुक्ति हुई थी, उस समय भी कांग्रेस के अंदरूनी हलकों में इस नियुक्ति को लेकर सवाल उठे थे, क्योंकि आम आदमी पार्टी मूल रूप से आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए हैं और बाद में उनका झुकाव बीजेपी की ओर दिखने लगा था। ऐसे में मंजू शर्मा की नियुक्ति पर सभी को आश्चर्य हुआ था। उस समय इस बात को लेकर भी विरोध के स्वर उठे थे कि सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर अधिकारियों या उनसे जुड़े लोगों को अहम राजनीतिक नियुक्तियां दे रहे हैं।  मंजू शर्मा वैसे अजमेर की ही रहने वाली हैं और उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से ही पीएचडी की थी। इसके बाद अलवर के सरकारी कॉलेज में नौकरी भी की, लेकिन फिर कुमार विश्वास से विवाह के बाद यूपी चली गईं।



आरपीएससी के नए सिरे से गठन की मांग



राजस्थान लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के मामले मे पिछले लंबे समय से विवादों के साये में है और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने हाल में इसे भंग कर नए सिरे से इसके गठन की मांग उठा चुके हैं। अब बाबूलाल कटारा के बाद मंजू शर्मा का नाम सामने आने से उनकी मांग और मजबूत हुई है, हालांकि सरकार ने उनकी मांग पर सीधे तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की है।



ट्विटर पर ट्रोल हो रहे कुमार विश्वास



इस मामले में कुमार विश्वास ट्विटर पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं। उन्होंने वियना के किसी विश्वविद्यालय के बारे में पोस्ट डाली थी, लेकिन उस पर उन्हें तारीफ मिलने की बजाय यूजर्स ने उनकी पत्नी की इस मामले में कथित संलिप्तता को लेकर उन्हें जमकर ट्रोल किया।



ये था मामला



एसीबी ने सीकर से 3 आरोपियों को 18.50 लाख रुपए की घूस लेते गिरफ्तार किया था। एसीबी ने तीनों आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की तो आरोपी गोपाल केसावत सहित अन्य का नाम सामने आया। एसीबी ने गोपाल केसावत को जयपुर के प्रताप नगर आवास पर 7.50 लाख रुपए लेते गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार गोपाल केसावत जयपुर के प्रताप नगर में कुम्भा मार्ग, ब्रह्मप्रकाश दिल्ली, अनिल कुमार धरेन्द्र हनुमानगढ़ टाउन और रवीन्द्र शर्मा टिब्बी निवासी है।



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आरोपी ने बताया था- 62 सवाल सही और 20 सवाल गलत



आरोपी ने ओएमआर सीट देखकर ये भी बताया था कि उसके 62 सवाल सही और 20 सवाल गलत हैं। इस पर विकास और उसके परिजन को अनिल पर विश्वास हो गया। 40 लाख में सौदा भी तय कर लिया। इसमें 25 लाख पहले और 15 लाख रुपए भर्ती होने के बाद देने की बात कही। इस पर अभ्यर्थी विकास सहित दोनों परिवादी ने एसीबी में शिकायत दी।


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