नील तिवारी, JABALPUR. विवादों में फंसे जबलपुर के संस्कारधानी अस्पताल में अब नया कारनामा सामने आया है। अस्पताल के मेडिकल काउंटर से मरीज को एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन दे दिया गया। मामले में मरीज के परिजन ने मढ़ोताल पुलिस से शिकायत की, लेकिन मेडिकल स्टोर के लोग पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले ही मामले को रफा दफा करने में लग गए। मामले में मेडिकल स्टोर मैनेजर ने माफी मांगी है वहीं अस्पताल प्रबंधन ने घटना को सिरे से खारिज कर दिया।
जानें क्या है पूरा मामला
पूरा मामला कटंगी रोड करमेता स्थित संस्कारधानी अस्पताल का है। यहां भर्ती मरीज को अस्पताल के मेडिकल स्टोर से एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन थमा दिया गया। कटंगी से आए मरीज ने जब काउंटर से दवाएं खरीदी तो उसमें एक एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन भी शामिल था, खरीदे गए इंजेक्शन पर मैन्यूफैक्चरिंग डेट 11/2021 और एक्सपायरी डेट 11/2023 प्रिंट थी। जिसे देखकर मरीज ने विरोध जताते हुए मामले में अस्पताल प्रबंधन से शिकायत की। इतना ही नहीं मरीज के परिजन ने मीडिया और मढ़ोताल थाना पुलिस को मामले की सूचना दे दी। ये सब देख अस्पताल ने मामले को दबाने की कोशिश शुरू कर दी।
पुलिस के पहुंचने से पहले ही सेटिंग!
पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले ही अस्पताल ने मामले को रफा दफा करने के सारी जुगत भिड़ा ली गई, अस्पताल के मेडिकल काउंटर पर रखे दिखाई दे रहे इंजेक्शन के बैच नंबर का हवाला देते हुए, अस्पताल प्रबंधन ने उसे अपना मानने से ही इनकार कर दिया, कुछ ही देर में पुलिस को सूचना देने वाले शिकायतकर्ता के भी सुर बदल गए और वह इसे समझने की गलती बताने लगा। हालांकि यह इंजेक्शन मीडिया के कमरे में कैद हो चुका था जिसमें एक्सपायरी डेट साफ नजर आ रही है। ड्रग इंस्पेक्टर ने अस्पताल के स्टॉक में गलतियों की बात मानी है और स्टॉक की जानकारी मांगी गई है।
अस्पताल में घटना होने से किया इनकार
घटना के तुरंत बाद अस्पताल के मेडिकल स्टोर को मैनेज करने वाला कर्मचारी इसे मानवीय गलती बताते हुए माफी मांगता नजर आया तो वहीं थोड़ी देर बाद ही अस्पताल ने घटना को सिर से खारिज करते हुए ऐसी किसी गलती से ही इनकार कर दिया और इसे केवल गलतफहमी बता दिया।
ड्रग इंस्पेक्टर शरद जैन ने बताया की मौके पर जांच के दौरान एक्सपायरी डेट की जो भी दवाएं पाई गई उस बैच की अन्य दवाई उनके स्टॉक में नहीं थी, इसके बाद उनके स्टॉक रजिस्टर की जानकारी मांगी गई है जिसके लिए 15 दिन का समय दिया गया है।
दिसंबर 2023 में निरस्त हुआ था रजिस्ट्रेशन
बता दे की संस्कारधानी अस्पताल की भवन अनुज्ञा एवं फायर एनओसी के चलते रजिस्ट्रेशन को स्थगित कर दिया गया था। जिसका आदेश जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा 22 दिसंबर 2023 को जारी किया गया था। इसके बाद अस्पताल के द्वारा न्यायालय में अपील की गई थी, 24 जनवरी को हुई पिछली सुनवाई में न्यायालय ने चिकित्सा विभाग के आदेश को तो इस बिनाह पर निरस्त कर दिया कि भवन अनुज्ञा एवं फायर सेफ्टी स्वास्थ्य विभाग के नहीं बल्कि नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आता है पर न्यायालय यह भी आदेश दिया कि भवन निर्माण एवं फायर एनओसी पर नगर निगम जांच करेगा एवं यह प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित प्रकरण याचिका क्रमांक 22141/2023 में पारित आदेश के अध्याधीन होगा।
खुद असमंजस में CMHO
जबलपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी संजय मिश्रा ने बताया कि अस्पताल के द्वारा न्यायालय एवं उच्च विभाग से भी पंजीयन निरस्तीकरण आदेश के विरुद्ध आदेश लाया गया है परंतु अस्पताल का संचालन किया जा सकेगा या नहीं इस फैसले पर असमंजस की स्थिति है, क्योंकि भवन एवं फायर सेफ्टी अनुमति, नर्सिंग होम कानून में भी एक अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु है जिसके बिना किसी भी अस्पताल या नर्सिंग होम का पंजीकरण नहीं किया जा सकता।