Sagar. भारत के युवाओं में इनोवेशन की ललक है। वे चाहें क्या नहीं कर सकते। ऐसी ही बानगी सागर में देखने को मिली, जहां दो युवकों ने पहले तो वेबसीरीज फर्जी को देखकर नकली नोट बनाने की प्रेरणा पाई, इसके बाद उन्होंने जाली नोट बनाने संबंधी अनेक वीडियो यूट्यूब पर देखे और अपना खुदका एक कारखाना डाल लिया। जहां वे धड़ल्ले से जाली नोट बना रहे थे। पुलिस ने जब किराए के कमरे में चल रहे इस कारखाने पर दबिश दी तो जाली नोट बनाने का पूरा साजोसामान और करीब 32 हजार रुपए के 500, 100 और 50 रुपए के जाली नोट बरामद किए हैं।
भीड़भाड़ वाली जगह पर चलाते थे फर्जी नोट
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ये लोग प्रिंटर और स्कैनर की मदद से जाली नोट तैयार करते थे, फिर उन्हें भीड़भाड़ वाली दुकानों में चलाते थे। युवकों ने बताया है कि वे अब तक हजारों रुपए के नकली नोट बाजार में खपा चुके हैं। वो तो एक दुकानदार को नोट पर शक हो गया, जिसके बाद उसने पुलिस को इत्तला दे दी। पुलिस ने घेराबंदी कर दो युवकों को पकड़ा और उनकी निशानदेही पर जाली नोट के कारखाने पर दबिश दे दी। इस पूरे गिरोह को संचालित करने वाला एक आरोपी राशिद खान अब भी फरार है।
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मोतीनगर थाना पुलिस की इस कार्रवाई में बताया गया है कि पुलिस को दुकानदार ने जाली नोट की सूचना दी थी, जिसके बाद घेराबंदी कर अहद और सुभान नाम के दो युवकों को पकड़ा गया। दोनों पहले मजदूरी करते थे और 10वीं तक पढ़े हैं। बाद में इन्होंने पूछताछ में अपने ठिकाने का पता बताया, जहां दबिश देने पर नोट बनाने में प्रयुक्त कागज, प्रिंटर, स्कैनर समेत 32 हजार रुपए के जाली नोट बरामद हुए।
नहीं छापते थे 2000 के नोट
पूछताछ में युवकों ने बताया कि 2000 का नोट बाजार में कम देखने को मिलता था, और दुकानदार उसकी काफी पड़ताल करते हैं। इसलिए उनका राज पकड़ा न जाए इसलिए वे 2000 के नोट छापते ही नहीं थे। युवकों ने बताया कि दुकानदार 100 और 50 के नोट तो बिना किसी शक के अपने गल्ले में डाल लेते थे, इसलिए ये लोग 100 और 50 के नोटों पर ज्यादा फोकस करते थे।